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पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात अरूण मोहन जोशी ने चारधाम यात्रा प्रबन्धन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर जनपद के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में सामान्य दिवस एवं विशेष दिवसों पर आने वाले वाहनों का आंकलन कर लिया जाए तथा पहाड़ी मार्गों में वाहनों की क्षमता का भी आंकलन किया जाए । कितने वाहनों को आसानी से रेगुलेट किया जा सकता है इसका भी डाटा तैयार कर लिया जाए ।
यात्रा मार्ग के आपदा स्थलों को करें चयनित
चारधाम यात्रा मार्ग में लैण्ड स्लाईड, अतिवृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओ के चलते कई यात्रा बाधित हो जाती है जिस हेतु अपने-अपने जनपदों में पड़ने वाले ऐसे दुर्घटना संभावित स्थलों को चिन्हित किया जाए साथ ही अपने-अपने जनपदों में चारधाम यात्रा मार्ग मे पड़ने वाले शहरो, कस्बों, आश्रमों, मंदिरों आदि का विवरण तथा आपदा की स्थिति में चारधाम यात्रियों को उक्त स्थलों पर ठहराने हेतु इनकी क्षमता तथा कितने समय हेतु ठहराया जा सकता है का भी डाटा तैयार कर लिया जाए ।
अक्तूबर की यात्रा का अभी से करें प्लान
उन्होंने कहा कि माह अक्टूबर 2024 से पुनः प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्रा हेतु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए पूर्व में ही योजना बना लिया जाए कि चारधाम यात्रा में कितनी संख्या में वाहनों का आवागमन होगा तथा आपात स्थिति में किन-किन स्थानों पर कितने यात्रियो को ठहराया जा सकता है इस हेतु वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण कर लिया जाए ।
मंदिरों में दर्शन की कतार रोकने के लिए करें टोकन व्यवस्था
चारों धामों में मंदिर प्रांगण में यात्रीयों को लम्बी कतार में दर्शन हेतु खड़े ना रहे इस हेतु टोकन व्यवस्था अपनाये जाने हेतु अगले वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा में विचार किया जाए और डिस्पले के माध्यम से टोकन नं0 को प्रदर्शित करने की व्यवस्था पर भी कार्य करें । जिसके अन्तर्गत यात्रियों के स्लाटस बनाकर पंक्ति को चलाया जायेगा। जिसके आधार पर यात्री को यह लाभ होगा कि यात्रियों को अनावश्यक ख़डें रहने से निजात मिलेगी और देर में नं0 आने की दशा में यात्री विश्राम भी कर सकता है।
यात्रा को राज्य की आर्थिकी से कैसे जोड़ इस पर करें प्लान
यात्रा प्लान को राज्य की आर्थिकी से कैसे जोड़ा जाए जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी इस यात्रा का लाभ प्राप्त हो सके इस बिन्दु को भी अग्रिम चारधाम यात्रा योजना में सम्मलित किया जाए।