कांवड़ यात्रा 2023: भगवान भोलेनाथ को भक्त इस दिन चढ़ायेंगे शिवलिंग पर जल





शिवम ठाकुर
Kawad Yatra 2023 सावन का पवित्र महीना भगवान भोलेनाथ की भक्ति और पूजा अर्चना के लिए जाना जाता है। धर्म शास्त्रों में सावन मास में सोमवार के दिन प्रदोष व्रत और शिवरात्रि के दिन भगवान शिव शंकर की उपासना करने से जीवन में आने वाले तमाम संकट और सभी समस्याएं दूर हो जाती है। इसीलिए सावन के महीने में शिवभक्त कांवड़ यात्रा में हरिद्वार से पवित्र गंगाजल भरकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिवशंकर को अर्पित करते हैं।


कांवड़ यात्रा की बात करें तो इस बार हरिद्वार में करीब पांच करोड़ से अधिक शिवभक्त कांवड़िये भगवान शिव की उपासना करने और अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए हरिद्वार पहुंच चुके है। शिवभक्त कठिन कांवड़ यात्रा में तमाम मुसीबतों से जूझते हुए भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। ऐसे अब सवाल उठता है कि कांवड़ का पवित्र जल भगवान शिव को कब चढ़ाया जाएगा?
बताते है शुभ मुहूर्त और महत्व
कांवड़ यात्रा में सावन मास की चतुर्दशी तिथि के दिन अर्थात सावन शिवरात्रि के दिन भगवान का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 16 जुलाई को रात्रि के समय होगा। वहीं सावन शिवरात्रि व्रत एवं पूजा 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन किया जाएगा।
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सावन कांवड़ यात्रा का क्या है महत्व?
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान परशुराम जी ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले कांवड़ यात्रा की थी। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।



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