कितना भी बड़ा हो सहयोग न करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: सी रविशंकर




नवीन चौहान
हरिद्वार। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने चेतावनी दी कि सहयोग न देने वाले चाहे लोग हों या कितने ही बड़ा संस्थान हों कोविड-19 ऐक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। इस कार्य के लिए जागरूकता लाने व सहयोग देने के लिए मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) हरिद्वार में कोविड-19 के संबंध में प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि होम क्वारंटीन में कई लोग पाॅजिटिव होने के बावजूद सहयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। हम घर-घर जाकर सैंपलिंग करना चाहते हैं, लेकिन लक्षण कम होने या जागरूकता न होने की वजह से कुछ लोग इसमें सहयोग नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के पहले लक्षण कम दिखाई देते हैं। इसमें अचानक परिवर्तन आना शुरू हो जाता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। यहां तक कि 24 घंटे के अंदर कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है।
जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले सात-आठ महीनों में कोविड-19 के संबंध में हमें काफी अनुभव प्राप्त हुए हैं, उसी के अनुसार अब आगे की रणनीति बनाई जा रही है। हमें आपस में भी अपने-अपने अनुभव साझा करने चाहिए, जिसमें पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमने कोविड-19 के 2000 प्रतिदिन टेस्ट करने का लक्ष्य वर्तमान में रखा है, लेकिन जो 1500 के करीब हो पा रहे हैं। जल्दी ही हम 2000 से अधिक टेस्ट प्रतिदिन करने में समर्थ हो जाएंगे। इसके लिए प्राईवेट लैबों से भी करार किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि हरिद्वार काफी बड़ा जनपद है। पूर्व में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या इसी जनपद से थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं तथा धीरे-धीरे स्थितियां नियंत्रण में आ रही हैं।
जिलाधिकारी ने पूर्व कोविड के लक्षणों-जैसे सांस लेने में दिक्कत, डिप्रेशन, पैनिक ऐटक आदि के संबंध में लोगों को जागरूक व प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि लोग जागरूक हों तथा कोविड-19 के कार्य में लगी हुई मशीनरी को सहयोग प्रदान करें। होम आईसोलेशन के संबंध में जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इस कार्य के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें 12 टेलीफोन नंबर कार्य कर रहे हैं तथा इस कार्य के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों के मन में कोविड-19 के प्रति जिस प्रकार का भी भय हो, चाहे-वित्तीय स्थिति खराब होने का भय, सामाजिक डर हो उसेे अपने मन से निकाल कर लोगों को टेस्टिंग के लिए आगे आना चाहिए। मशीनरी का सहयोग करना चाहिये तथा हमारा उनको पूरा सहयोग मिलेगा।
पत्रकारों से जिलाधिकारी ने कहा कि आप मीडिया के माध्यम से ऐसे प्रकरण सामने लाएं, जिसमें कोविड-19 से ठीक हुआ व्यक्ति अपने बारे में बताए, जिससे लोगों के मन में जो डर बैठा हुआ है, वह दूर हो तथा उन्हें सहयोग करने की प्रेरणा मिले।
जिलाधिकारी ने कहा कि हरिद्वार में एक पिंक कोविड केयर सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें केवल महिलाएं एवं बच्चे ही भर्ती किए जाते हैं। यहां तक कि इस पिंक केयर सेंटर का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि शायद यह उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि देश में अपनी तरह का पहला पिंक कोविड सेंटर होगा। उन्होंने कहा कि आज 100 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन हैं। हम कंटेनमेंट जोन को बरकरार रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों को देखते हुए हमने साप्ताहिक बंदी स्थगित कर दी है। पुलिस व अन्य बलों की तैनाती भीड़भाड़ वाले इलाकों में कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि हम जल्द ही सिविल डिफेंस की सेवाएं भी कोविड-19 के कार्य के लिए लेने जा रहे हैं, जिससे जागरूकता आदि में काफी सुधार आएगा। स्कूलों के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आॅन लाइन कक्षाएं यथावत चलती रहेंगी।
शहर में कोविड-19 का उल्लंघन करते हुए ट्यूशन कक्षाएं चल रही हैं, के उत्तर में जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ डा. एसके झा ने भी कोविड-19 के लक्षणों एवं इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों तथा जनता द्वारा क्या-क्या ऐहतियात बरता जाना चाहिए, के बारे में विस्तृत जानकारी दी।



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