अब एक महीना पीछे चले जाएंगे सारे त्यौहार, प्रारंभ हुआ बिना पर्वों वाला पुरुषोत्तम मास




नवीन चौहान.
हरियाली तीज से लेकर होली तक अभी सभी पर्व एक महीना विलंब से होंगे। ऐसा मलमास शुरू होने से होगा। भगवान विष्णु को समर्पित बिना पर्वों वाला पुरुषोत्तम मास आज प्रारंभ हो गया है। श्रावण मलमास में भागवत कथाएं होंगी, भगवद संकीर्तन होंगे लेकिन शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्यौहार कोई नहीं पड़ेगा। परिणाम स्वरूप हरियाली तीज से लेकर होली तक के समस्त पर्व एक महीना विलंब से आएंगे। शुद्ध श्रावण का कृष्ण पक्ष सोमवती अमावस्या पर बीत गया और शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष मलमास बीतने पर प्रारंभ होगा।

प्रत्येक तीसरे वर्ष आता है पुरुषोत्तम मास
पुरुषोत्तम मास प्रत्येक तीसरे वर्ष आता है। अर्थात अब अगला पुरुषोत्तम मास 2026 में पड़ेगा। जिस वर्ष पुरुषोत्तम मास आए, वह वर्ष 12 महीनों के स्थान पर 13 महीनों का होता है। सूर्य एक वर्ष में एक एक कर 12 राशियों में संक्रमण करते हैं। लेकिन पुरुषोत्तम मास ऐसा महीना है जिसमें सूर्य किसी राशि में प्रवेश नहीं करते। भगवान भास्कर यदि राशि विहीन यात्रा करें तो उसे पुरुषोत्तम मास कहते हैं। इस मास में संक्रांति नहीं पड़ती अतः कोई पर्व, व्रत या त्यौहार भी नहीं पड़ता। इस मास के बाद सभी पर्व शुद्ध श्रावण में 17 अगस्त से प्रारंभ होंगे ।

सूर्य नारायण का कर्क राशि में प्रवेश
16 जुलाई शनिवार को भगवान सूर्य नारायण कर्क राशि में प्रविष्ठ हुए हैं । एक महीने वे राशि नहीं बदलेंगे और 17 अगस्त को उनका प्रवेश सिंह राशि में होगा। उसी दिन शुद्ध श्रावण लगेगा। शुद्ध पक्ष आते ही पर्व काल, श्राद्ध पक्ष आदि आने का मार्ग खुल जाएगा। हरियाली तीज, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, श्राद्ध पक्ष, विजय दशमी, दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, मकर संक्रति स्नान, शिवरात्रि और होली आदि पर्व विलंब से आएंगे।

यात्राओं पर नहीं होगा असर
पुरुषोत्तममास में देश के कईं भागों में धार्मिक यात्राएं चलती रहेंगी। जोधपुर की परिक्रमा यात्रा प्रमुख यात्रा है जो पुरुषोत्तममास वाले वर्ष ही आयोजित की जाती है। धर्मनगरी हरिद्वार में दर्जनों भागवत कथाओं का आयोजन किया गया है।



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