अब श्रीदेव सुमन विवि के पाठ्यक्रम में विक्टोरिया क्रास गबर सिंह का पढ़ेंगे इतिहास, सभागार का नाम भी रखा




नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में विक्टोरिया क्रास गबर सिंह का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल होगा। इस दौरान विवि के सभागार का नाम बदलते हुए गबर सिंह के नाम पर रखने की घोषणा कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने की।
श्रीदेव सुमन संस्कृति, साहित्य एवं शिक्षण संस्थान देहरादून के तत्वाधान एवं गायत्री आर्टस के बैनर तले विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के जीवन पर आधारित डाक्यूमेट्रिक फिल्म के निर्माण का चम्बा में शुभारंभ हुआ। जिसमें गबर सिंह स्मारक के पास बनी प्रतिमा के समक्ष श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने विधिवत् शुभारंभ किया। डा ध्यानी ने चम्बा स्थित गबर सिंह स्मारक में पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर मल्यार्पण करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस फिल्म शुभारंभ समारोह के बाद डा ध्यानी ने डा मुनि राम सकलानी, जो अमर शहीद श्रीदेव सुमन के भांजे हैं, के द्वारा लिखित पुस्तक ’’अनुभूति के स्वर’’ और हिंदी सप्ताहिक ’’सुमन सुधा’’, जो कि विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी पर आधारित है, का विमोचन किया गया।
डा ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड की पावन धरती पर अनके वीर सैनिकों, देशभक्तों एवं क्रांतिकारियों ने जन्म लिया और हमारे देश का इतिहास भी उत्तराखंड के इन वीरों के शौर्य और बलिदान की गौरव गाथाओं से भरा हुआ है। प्रथम विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर ब्रिटिष सेना के सर्वोच्च सम्मान ’’विक्टोरिया क्रास’’ प्राप्त करके ’गढ़वाल राइफल्स’ को ’रायल गढ़वाल’ का सम्मान दिलाने वाले चम्बा के वीर सपूत गबर सिंह नेगी पर पहली डाक्योंमेंटरी बनने पर डा ध्यानी द्वारा डाक्यूमेट्री फिल्म के निर्माता आशा मुनेन्द्र सकलानी, निर्देशक जयप्रकाश पंवार आदि को वीर गबर सिंह नेगी पर पहली बार फिल्म बनाने हेतु हार्दिक शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि वीर गबर सिंह नेगी, जो प्रथम विष्व युद्ध के नायक थे, का व्यक्तित्व एवं कृतित्व युगों-युगों तक पीढियों को गौरान्वित करता रहेगा और जो भी व्यक्ति ऐसे महापुरूशों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक चीरस्थाई बनाने में योगदान देगा उनका भी इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रहेगा। उन्होंने घोषणा कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के सेमिनार हाॅल का नाम अब ’’विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी मेमोरियल हाॅल’’ होगा। साथ ही स्नातक स्तर पर विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के व्यक्तित्व व कृतित्व को पाठ्यक्रम में शामिल करेगा और उन पर शोध हेतु शोधार्थियों को प्रोत्साहित करेगा।
इस कार्यक्रम के पश्चात कुलपति वीर गबर सिंह नेगी की जन्म स्थली मंज्यूड गांव पहुंचे। उनके द्वारा पूरे गांव का भ्रमण किया गया। गांव की प्रधान कुसुम और ग्रामीणों के साथ गांव के उत्थान हेतु विचार विमर्श किया गया। जिससे ग्रामीण बहुत उत्साहित हुए। ग्रामीणों द्वारा पहली बार किसी कुलपति के उसके गांव में आने पर अत्यन्त प्रसन्नता जाहिर की गयी।
इस मौके पर कुलदीप सिंह नेगी, सोमवारी लाल सकलानी, बीज बचाओ आंदोलन के विजय जड़धारी, पृथ्वी सिंह पुंडीर, इंद्र सिंह नेगी, मुनिराम सकलानी, शक्ति जोशी, रघु भाई जड़धारी, सूरज राणा, फिल्म के निर्माता आषा मुनेंद्र सकलानी, निर्देशक जय प्रकाश पंवार, प्रोडक्शन मैनेजर जेपी कोठारी, अमित सजवाण, रविंद्र कुमार आदि शामिल हुए।



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