भारत सरकार की टीम को जिला प्रशासन ने दी जनपद में बारिश से हुई क्षति के बारे में जानकारी




नवीन चौहान.
हरिद्वार। हर्ष गुप्ता संयुक्त सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जनपद में हुई अतिवृष्टि/भारी वर्षा के कारण हुई क्षति के आकलन हेतु अन्तर मंत्रालयीय केन्द्रीय टीम के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बैठक में अन्तर मंत्रालयीय केन्द्रीय टीम को सर्वप्रथम जनपद का क्षेत्रफल, जनसंख्या, तहसील, ब्लाक, न्याय पंचायत, राजस्व गांव आदि के सम्बन्ध में विस्तार जानकारी दी। अतिवृष्टि का उल्लेख करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि विगत 06 जुलाई को जनपद में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ था, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश विगत 11 जुलाई को दर्ज की गयी । इस प्रकार आगे की तिथियों में भी यह क्रम जारी रहा। इस बीच गंगा नदी का जल स्तर चेतावनी लेबल को दो-तीन बार पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष जुलाई माह में अधिक वर्षा हुई है, जिसकी वजह से जगह-जगह जल भराव की स्थिति पैदा हुई। इसके अलावा पर्वतीय जनपदों में जो अत्यधिक वर्षा हुई, उसका भी प्रभाव हरिद्वार जनपद पर पड़ा है।

हर्ष गुप्ता संयुक्त सचिव भारत सरकार द्वारा कौन-कौन से क्षेत्र जल भराव की जद में आये, के सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के शहरी व ग्रामीण इलाकों में 398 क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति पैदा हुई, जिनमें से हरिद्वार नगर निगम के ही 48 क्षेत्रों में जल भराव हुआ तथा भगत सिंह चौक पर जल भराव होने पर आठ पम्पों की मदद से पानी की निकासी की गयी। उन्होंने बताया कि सोलानी नदी के तेज बहाव से कई जगह तटबन्ध को नुकसान पहुंचा। परिस्थितियों को देखते हुये लक्सर, खानपुर तथा रूड़की में तुरन्त एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ तथा पीएसी की टीमें तैनात की गयी तथा पानी निकालने के लिये सभी उपकरणों व संसाधनों का उपयोग किया गया। उन्होंने जानकारी दी कि मनसा देवी पहाड़ी से भी भूस्खलन हो रहा है, जिसकी वजह से विष्णुघाट पर मलबा आ जाता है, जिसका ट्रीटमेंट भी बहुत जरूरी है।

संयुक्त सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य शिविरों के बारे में जानकारी ली तो जिलाधिकारी ने बताया कि 447 गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाये गये, जिनमें 2994 मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। भोजन आदि की व्यवस्था के बारे में जानकारी लेने पर जिलाधिकारी ने बताया कि जल भराव वाले क्षेत्रों में फूड पैकेट/भोजन की व्यवस्था की गयी तथा पशुओं हेतु काम्पेक्ट फूड का वितरण प्रभावित क्षेत्रों में किया गया।

संयुक्त सचिव द्वारा जन हानि आदि के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने बताया कि जल भराव वाले क्षेत्रों में सात जनहानि हुई है, 370 भवनों को आंशिक क्षति पहुंची है तथा तीन भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुये हैं। अन्य नुकसान आदि के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 882 स्कीम है, जिसमें 189 करोड़ की सम्पत्ति का आकलन किया है तथा 30 से 35 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है और कुल मिला कर 50 से 55 करोड़ का नुकसान हुआ है, जो आगे बढ़ भी सकता है। उन्होंने आगे बताया कि कृषि फसल के नुकसान होने पर हमने साढ़े चार हजार लागों को धनराशि आवंटित की है तथा इस प्रकार अहेतुक धनराशि गृह अनुदान आदि को मिलाकर 9956 लोगों को 4 करोड़ 44 लाख रू0 की धनराशि का वितरण किया जा चुका है।

बैठक में संयुक्त सचिव ने विभागवार किस विभाग की कितनी क्षति हुई है, के बारे में जानकारी ली तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनपद में हमारी कुल 814 सड़कें हैं, जिनमें से 175 सड़कें आदि प्रभावित हुई हैं, जिसमें 34.07 करोड़ की क्षति का आकलन किया गया है। इसी प्रकार सिंचाई, विद्युत, पेयजल, आंगनबाड़ी, पंचायती राज आदि विभागों के अधिकारियों ने कहां कितनी क्षति हुई है, का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।

हर्ष गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनके अतिरिक्त हैण्डीक्राफ्ट आदि पर भी ध्यान दिया जाये, उनका जो नुकसान हुआ है, आपदा के तहत उनका आकलन भी किया जाये। कलक्ट्रेट परिसर पहुंचने पर संयुक्त सचिव हर्ष गुप्ता सहित अन्तर मंत्रालयीय केन्द्रीय टीम एवं सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ0 रंजीत सिन्हा का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत व अभिनन्दन किया गया।

इस अवसर पर उप सचिव अनिल गैरोला, डायरेक्टर डॉ0 वीरेन्द्र सिंह, सुपरइंटेंडिंग इंजीनियर सुधीर कुमार, डायरेक्टर(आरसी) के0एम0 सिंह, सीई डी0के0 शर्मा, साइंटिस्ट एवं इंजीनियर एसई प्रियोम राय, उप निदेशक भव्य पाण्डे, निदेशक मनोज कुमार कैस्था, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ0 रंजीत सिन्हा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पी0एल0 शाह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा, एसडीएम पूरण सिंह राणा, एमएनए दयानन्द सरस्वती, एसडीएम लक्सर गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम भगवानपुर ब्रजेश तिवारी, सीएमओ डॉ0 मनीष दत्त, डीएफओ नीरज शर्मा, पीडी के0एन0 तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी ओम प्रकाश सिंह, एआर कोआपरेटिव पुष्कर पोखरिया, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत समस्त बीडीओ, ईओ सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।



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