गोपाल रावत
कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में जूना अखाड़े की उपेक्षा से नाराज नागा संन्यासियों ने शनिवार को जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरी के नेतृत्व में सीसीआर के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर धरना दिया। नाराज संतों ने कुंभ मेला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि जूना अखाड़े का नगर प्रवेश 25 जनवरी को होना है उनके साथ ही आवाहन अखाड़ा तथा अग्नि अखाड़ा भी नगर प्रवेश करेगा। तीनों अखाड़ों के पंच हरिद्वार के लिए रवाना हो चुके हैं। तीनों अखाड़ों के पंच पांडे वाला ज्वालापुर में पेशवाई निकलने तक रहेंगे। लेकिन अभी तक मेला प्रशासन ने पंचों के रुकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा जूना अखाड़े की पेशवाई का साजो सामान जिसमें सोने चांदी के होदे, रथ, घोड़े, चांदी के छत्र, शस्त्र, ट्रेक्टर, ट्राली आदि ललता राव स्थित श्री दुःख हरण हनुमान मंदिर बिरला घाट में रखा जाता है। जिसके लिए वहां पर सुरक्षा के लिए पुलिस चैकी बनाई जाती है। बिजली, पानी, शौचालय, सफाई, टेंट आदि की व्यवस्था कुंभ मेला प्रशासन पूर्व कुंभों में समय रहते करता आया है लेकिन इस बार अभी तक कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है। मेला प्रशासन के इस उपेक्षा पूर्ण रवैए से जूना अखाड़े सहित अन्य सभी अखाड़ों में भयंकर रोष व्याप्त है।
उन्होंने कहा कुंभ मिला विश्व की धरोहर है पूरे विश्व को निगाहें इस पर टिकी रहती हैं। इसकी गरिमा, महत्व, तथा गौरव को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं होने दिया जा सकता है। यदि सरकार व्यवस्था नहीं करती है तो सभी अखाड़े अपने स्तर पर मेला कराने में सक्षम हैं। श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि अगर समय रहते काम नहीं हुआ तो नागा संन्यासी देहरादून कूच कर प्रदर्शन करेंगे।
नागा साधुओं के उग्र तेवर देख कर प्रशासन के होश उड़ गए। मौके पर पहुंचे अपर मेला अधिकारी डाॅ अंशुल सिंह, उप मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, तुषार आदि ने भी व्यवस्थाएं समय रहते पूरी करने के आश्वासन के बाद धरना खत्म किया गया। धरना देने वालों में सचिव श्री महंत महेश पूरी,महंत लाल भारती,महादेवानंड, राजेंद्र गिरी, विवेक पुरी, रणधीर गिरी, आजाद गिरी आदि प्रमुख थे।