Uttarakhand stf: फर्जी वेबसाईट-ट्रेडिंग कम्पनी खोलकर लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा




नवीन चौहान.
फर्जी वेबसाईट और ट्रेडिंग कम्पनी खोलकर मोटा मुनाफे का लालच देकर लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले गिरोह का एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह ने अब तक देशभर में लोगों के साथ लाखों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।

इस गिरोह का खुलासा करने के लिए एसटीएफ की टीम ने पिछले सात दिनों में करीब 2700 किमी का सफर तय किया और पांच प्रदेशों में करीब 20 स्थानों पर दबिश दी। फिलहाल एसटीएफ की गिरफ्त में इस गिरोह का एक सदस्य आया है। इसके पास से पुलिस की टीम ने तीन मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड और बैंकों के डेबिट कार्ड बरामद किये हैंं

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुश अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि तकनीकि युग में साईबर अपराधियों द्वारा आम जनता से ठगी करने के लिये नये-नये तरीको का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में ट्रांजिट कैम्प रुद्रपुर निवासी एक व्यक्ति से साईबर अपराधियों ने एक फर्जी ट्रैडिंग वैबसाईट तथा उसी वैबसाईट के नाम से बनी दो फर्जी जीमेल एकाउन्ट तथा फर्जी आई0डी0 के मोबाईल नम्बरों के माध्यम से सम्पर्क गेन्स मोर ब्रोकिंग कंपनी में इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर रू0 14 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की।

साईबर अभियुक्तों द्वारा पीड़ित को पहले तो अधिक मुनाफे का लालच देकर ANGEL BROKING APP पर डीमेट एकाउन्ट खुलवाकर ट्रेडिंग चालू करायी फिर बाद में बहाने बनाते हुये एप्लिकेशन को ठीक ढंग से कार्य नहीं करने की बात कहकर खुद की कम्पनी में ही पीड़ित का डीमेट एकाउन्ट खुलवाया गया। जिसके लिये पीड़ित से कम्पनी के सर्विस चार्ज, जीएसटी व अलग अलग नामों से धनराशि की मांग की गयी और अभियुक्तों द्वारा वादी से करीब 14 लाख रूपये की धोखाधड़ी कर दी गयी। ठगी के शिकार व्यक्ति ने इस सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर एसएसपी एसटीफ आयुष अग्रवाल द्वारा मामले में साईबर थाना कुमायूॅं पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये गये और एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक सुमित पाण्डे के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गये एवं इस अभियोग की विवेचना निरीक्षक ललित जोशी को सुुपुर्द की गयी।

गठित साईबर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त फर्जी बैबसाईट, जीमेल एकाउन्ट व मोबाईल नम्बरों के बारे में सम्बन्धित कम्पनियों से पत्राचार कर आई0डी0 के डिटेल्स प्राप्त किये गये तो जानकारी हुयी कि यह जीमेल एकाउन्ट व विभिन्न मोबाईल नम्बर इन्दौर, मध्य प्रदेश से संचालित प्रयोग किये जा रहे है। घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर और वाट्सअप नम्बर जिनसे मुकदमे के वादी को मैसेज व कॉल की जाती थी, दौराने विवेचना फर्जी आई0डी0 पर आवंटित होने पाये गये। अभियोग में वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से जो धनराशि जिन बैंक खातों में प्राप्त की गयी विवेचना से उक्त खाते में अंकित पते दिल्ली, दिल्ली एनसीआर से सम्बन्धित पाये गये।

घटना में प्रयुक्त बैंक खाते व मोबाईल नम्बरों के तकनीकी विश्लेषण हेतु टेलीकॉम कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण के पश्चात पता तस्दीक व पतारसी सुरागरसी साक्ष्य संकलन हेतु पुलिस टीम को दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान और मध्य प्रदेश रवाना किया गया । जिस दौरान पुलिस टीम को काफी अहम सुराग हाथ लगे । पुलिस टीम द्वारा कई राज्यों में कई व्यक्तियों का सत्यापन करते हुये पाया कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त मध्य प्रदेश इन्दौर का रहने वाला है। इस पर एसटीएफ की टीम ने लगातार 07 दिन तक प्रकाश में आये अभियुक्त विजय चावला पुत्र मोहन चावला निवासी म0नं0 712, भगीरथपुरा थाना बाणगंगा इन्दौर, जिला इन्दौर म0प्र0 की तलाश में जगह जगह छापेमारी की गयी।

इस बीच एसटीएफ की दबिशों से परेशान होकर अभियुक्त विजय चावल इंदौर, मध्य प्रदेश से पुलिस से बचने के लिये अपने दोस्तों संग जगह बदलते बदलते ग्वालियर, मथुरा, नोएडा होते हुये उत्तराखण्ड की तरफ आ गया। अभियुक्त एक शहर से दूसरे राज्य के शह्रर में एक दो दिन ठहर कर फरार हो जाता था। जिस पर साईबर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त का लगातर पीछा करते हुये इंदौर से ग्वालियर, मथुरा, वृन्दावन, नोएडा, मेरठ के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तथा अभियुक्त को ट्रेस करते हुये ग्वालियर, मथुरा, वृन्दावन, नोएडा, मेरठ और हरिद्वार तक करीब 2700 किलोमीटर तक अभियुक्त का पीछा करते हुये जनपद हरिद्वार से अभियुक्त विजय चावला पुत्र मोहन चावला उपरोक्त को गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्त की तलाशी में 03 मोबाईल फोन, कई सिम कार्ड व अलग अलग बैंको के डेबिट कार्ड बरामद हुये है । अभियुक्त से पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर बेबसाईट https://gainsmorebroking.com तथा ईमेल आई.डी. [email protected][email protected] बनाकर विभिन्न फर्जी मोबाईल नंबर्स का प्रयोग कर गेन्स मोर ब्रोकिंग कंपनी में इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर रू0 14,07,498 की धोखाधड़ी की है अभियुक्त से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे है। जिससे निकट भविष्य में गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी की जायेगी। पकड़े गये अभियुक्त की पूछताछ में जानकारी हुयी है कि इन गिरोह द्वारा पूरे भारत वर्ष में कई अन्य लोगों को भी इसी प्रकार से धोखाधड़ी कर शिकार बनाया गया है, जिसके सम्बन्ध में अन्य राज्यों की पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है। अभियुक्त को माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है।

पुलिस टीम-
1- निरीक्षक ललित मोहन जोशी
2- उ0नि0 दिनेश पन्त
3- ASI सत्येन्द्र गंगोला
4- मु0आ0 मनोज कुमार
5- आरक्षी मोहम्मद उस्मान
6- मुख्य आरक्षी रियाज अख्तर



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