योगी सरकार का सख्त कदम: कोरोना मरीज ने खुद को छिपाया या यात्रा की तो एक से तीन साल तक की सजा




नवीन चौहान
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से जंग लड़ रहे कोरोना वॉरियर की सुरक्षा के लिए कानून को और मजबूत किया है। कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही सफाईकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और प्रत्येक कोरोना वॉरियर की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाते हुए उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 कैबिनेट से पास हो गया है। अब अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए एक साल से तीन साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

ये कानून किये गए पास
कैबिनेट में पास किये गए नए कानून के मुताबिक यदि स्वास्थ्य कर्मियों, सभी पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिसकर्मियों, व स्वच्छता कर्मियों के साथ साथ शासन की ओर से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 50 हजार से लेकर पांच लाख रूपये तक का जुर्माना भी दोषी को देना होगा।

50 हजार से 2 लाख का जुर्माना होगा ऐसा करने पर
कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों के अलावा सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों व किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर भी सख्त कार्रवाई होगी। आइसोलेशन वार्ड में तोड़फोड करने पर भी इस कानून के तहत अब कड़ी कार्रवाई होगी। कोरोना वॉरियर्स के ख़िलाफ़ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी नए क़ानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी। दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान, पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना होगा।

क्वारंटीन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा
कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटीन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष  सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना पचास हजार से एक लाख तक का होगा। लॉकडाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है। अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हाजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा
कैबिनेट में पास हुए नए अध्यायदेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा। जिसके अध्यक्ष जिले के डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।

 



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