नवीन चौहान.
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में महात्मा हंसराज जी की 160वीं जयंती बड़े उत्साहपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय की यज्ञशाला में धर्म शिक्षिका डाॅ अनीता स्नातिका द्वारा पवित्र वैदिक हवन का आयोजन किया गया।
प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के साथ सभी शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों ने
यज्ञ-आहुतियों द्वारा महात्मा हंसराज जी को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के द्वारा महान तपस्वी, शिक्षाविद्, त्याग, दया व स्नेह की प्रतिमूर्ति महात्मा हंसराज जी के जीवन, उनके व्यक्तित्व व समाज और देश के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने बताया कि महात्मा हंसराज ने समाज के हर वर्ग के उत्थान में अपना अतुलनीय एवं अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने बताया कि हंसराज जी एक सच्चे विद्वान, वैदिक उपदेशक व महान लेखक थे शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अतुल्य एवं अमूल्य है। संपूर्ण भारत में डीएवी के वर्चस्व के पीछे महात्मा हंसराज जी का त्याग व तपस्या से परिपूर्ण जीवन है। आर्य समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा हंसराज जी ने आजीवन निर्धन व जरूरतमंदों की सहायता व सेवा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।
उन्होंने आजीवन वैदिक सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया। उनका संपूर्ण जीवन मानव जाति के लिए प्रेरणा स्रोत है। हमें उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगणों द्वारा सुंदर, सुमधुर भजन गाकर महात्मा हंसराज जी को स्मृति रूपी पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के समापन समारोह पर प्रधानाचार्य के साथ सभी ने हंसराज जी के जीवन से शिक्षा लेते हुए उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा का संकल्प लिया।