दिव्य प्रेम सेवा मिशन में मनाया अटल बिहारी बाजपेई का जन्मदिन
नवीन चौहान, हरिद्वार। कुष्ठरोगियों एवं उनके बच्चों की सेवा के लिए समर्पित दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा वन्देमातरम् कुंज परिसर में संचालित दिव्य भारत शिक्षा मन्दिर में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93वां जन्म दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रम, रूद्राभिषेक एंव बच्चों को फल, मिष्ठान्न वितरण कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने श्री अटल के चित्र पर तिलक, चावल लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की। इस अवसर पर बच्चों एवं मिशन कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि अटल जी ने राजनीति को दलगत और स्वार्थ की वैचारिकता से अलग हटकर अपनाया और उसको जिया। जीवन में आने वाली हर विषम परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार किया। राजनीतिक जीवन के उतार चढ़ाव में उन्होंने आलोचनाओं के बाद भी अपने को संयमित रखा। राजनीति में धुर विरोधी भी उनकी विचारधारा और कार्यशैली के कायल रहे। भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उन्होंने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन सम्भावनाओं का केन्द्र है। यहांॅ के बच्चे इंजीनियर, डाक्टर एवं वैज्ञानिक बनने की ओर अग्रसर हैं। बच्चे आज बड़ा बनने का संकल्प लें और मिशन का नाम रोशन करें।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी ने कहा कि अटल जी की पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद, कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा में पले-बढ़े अटल जी राजनीति में उदारवाद, समता और समानता के समर्थक माने जाते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से बीजेपी को देश में शीर्ष राजनीतिक सम्मान दिलाया। दो दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों को मिलाकर उन्होंने एनडीए बनाया जिसकी सरकार में 80 से अधिक मंत्री थे, जिसे जम्बो मंत्रीमंडल भी कहा गया। इस सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने किसी विचारधारा में अपने आप को नहीं बांधा। उनके राजनीतिक मूल्यों की जब पहचान हुई तो उन्हें बीजेपी सरकार में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सी.एस. शर्मा, मीनाक्षी श्रीवास्तव, मिशन के सह संयोजक डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रशांत खरे, मीडिया प्रभारी बालकृष्ण शास्त्री, विश्वास शर्मा, उमाशंकर सिंह, प्रधानाचार्य राजेन्द्र राणाकोटी, जितेन्द्र सोमवंशी, संतोष सिंह, मनोहर सिंह सहित समस्त मिशन कार्यकर्ता एवं अध्यापक उपस्थित थे।