संजीव शर्मा
पुलिस कस्टडी से फरार हुए ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बददों के घर की शनिवार को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कुर्की की। ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस ने पंजाबी पुरा स्थित मकान पर कुर्की की कार्रवाई करने से पहले ढोल बजाकर मुनादी करायी और स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी दी।
गाजियाबाद पुलिस की कस्टडी से हुआ था फरार
गाजियाबाद पुलिस की कस्टडी से बदन सिंह बददो मेरठ से फरार हुआ था। पुलिस कस्टडी से फरार हुए बदन सिंह को पुलिस अभी तक ढूंढ नहीं सकी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस जागी और शनिवार को उसके घर की कुर्की की। कुर्की की कार्रवाई के दौरान कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रही।
हर कमरे में आलीशान फर्नीचर
पुलिस ने जब कुर्की की कार्रवाई के लिए घर के अंदर जाकर देखा तो वह दंग रह गई। घर के अंदर का इंटीरियर किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं था। हर कमरे में आलीशान फर्नीचर मौजूद था। घर के बाथरूम और टायलेट में भी महंगी टाइल्स और सजावटी सामान लगे थे। घर के अंदर का नजारा देखकर हर कोई हैरान था। पुलिस ने सभी सामान की लिस्ट बदन सिंह के एक रिश्तेदार की मौजूदगी में बनायी और सामान को अपने कब्जे में ले लिया।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी
कुख्यात बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी न होने पर एक समाजसेवी अभिषेक सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप था कि एक तरफ योगी सरकार अपराध मुक्त प्रदेश बनाने की बात करती है, दूसरी तरफ उसी के अधिकारी बदन सिंह बद्दो जैसे अपराधी को गिरफ्तार करने में हीलाहवाली बरत रहे हैं। तब कोर्ट ने भी सवाल उठाए थे। इस मामले में 23 नवंबर को प्रमुख सचिव गृह से कोर्ट ने एफिडेविट मांगा है।
पांच पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था
बदन सिंह बद्दो फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। बीती 27 मार्च 2019 को गाजियाबाद न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया गया था। वहां से 28 मार्च को बदन सिंह पुलिसकर्मियों से साठगांठ कर मेरठ पहुंचा और यहां एक होटल में पुलिसकर्मियों को पार्टी में उलझाकर वहां से फरार हो गया। इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
लुक आउट नोटिस जारी किया गया
बदन सिंह बद्दो के खिलाफ 28 मार्च 2020 को लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। उस पर फिरौती, हत्या, हत्या की कोशिश, अवैध हथियार रखने और उनकी आपूर्ति करने और बैंक डकैती जैसे 40 के करीब अन्य मामले दर्ज हैं। 80 के दशक में वह मेरठ के मामूली बदमाशों के साथ मिलकर शराब की तस्करी किया करता था। इसके बाद वह पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर रविंद्र भूरा के गैंग में शामिल हो गया था।