नवीन चौहान.
महामंडलेश्वर सोमेश्वरानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि सैमलैंगिकता मानव गुणों को विक्षिप्त करने की क्रिया है। धर्म मनुष्य से है, मानव से है। सैमलैंगिकता एक विडबंना है। उन्होंने कहा कि भारत में ये परंपरा बिलकुल नहीं होनी चाहिए। मानव जाति इस सृष्टि की सबसे अच्छी श्रेष्ठ जाति है। सनातन धर्म का मतबल है कभी समाप्त न होने वाला। देखें वीडियो में महामंडलेश्वर ने क्या कहा—