न्यूज 127.
शिवरात्रि पर जलाभिषेक की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। शिवभक्त कांवड़ियां हरिद्वार और गौमुख से गंगाजल लेकर अपने अपने स्थानों के शिवालयों में पहुंच रहे हैं। मेरठ के जनपद औघड़नाथ मंदिर में सर्वाधिक कांवड़ियां पहुंच कर जलाभिषेक करते हैं। यह मंदिर क्रांति से भी जुड़ा है। वहीं दूसरी ओर जनपद मेरठ के ही रसूलपुर धौलड़ी गांव में प्राचीन शिवमंदिर भी अपनी मान्यताओं के चलते लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है।
रसूलपुर गांव का यह शिव मंदिर चन्द्रगुप्त मौर्य काल का बताया जाता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर प्राचीन भाषा में कुछ लिखा है जिसका अर्थ जानने के लिए पुरातत्व विभाग भी जुटा है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां श्रद्धा और सच्चे मन की मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है। ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि पर इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भोलेनाथ अपने भक्त पर कृपा जरूर बरसाते हैं।
गांव रसूलपुर धौलड़ी में बस स्टैंड के पास एक प्रचीन शिव मंदिर है। बताया गया है चार वर्ष पूर्व मंदिर की मरम्मत और जीर्णोद्धार के दौरान मंदिर में स्थापित शिवलिंग की सफाई करायी गई तो उस पर कुछ इबारत लिखी मिली। जिससे ग्रामीण पढ़ नहीं पाये। शिवलिंग पर लिखे इन शब्दों को गांव के ही कुछ युवकों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी। वायरल हुई इस वीडियो का लखनऊ पुरातत्व विभाग ने संज्ञान लिया जिसके बाद लखनऊ पुरातन विभाग की 15 सदस्य टीम रसूलपुर धौलडी पहुंची।
टीम के सदस्यों ने तीन दिन तक प्रचीन शिवलिंग और मंदिर की जांच की। शिवलिंग की फोटो ग्राफी की गई। कुछ दिन बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान दिल्ली टीम रसूलपुर धौलडी पहुंची। टीम ने शिवलिंग पर लिखी लिपी के नमूने लिये। टीम के सदस्यों ने बताया था कि (चन्द्रगुप्त मौर्य काल) लिपि संभवत 18 सौ साल पुरानी हो सकती है। हैदराबाद स्थित पुरातन विभाग की टीम ने भी दो साल पूर्व मौके पर जाकर शिवलिंग की जांच की।
ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग उनकी याद से पहले का है। मंदिर का भवन पुराना होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। इसे कुछ साल पूर्व ही ठीक करवाकर जीर्णोद्वार कराया गया है। ग्रामीण मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर लिखी लिपि और इसकी उम्र के बारे में जाने के इच्छुक हैं। जब से उन्हें शिवलिंग पर कुछ लिखा होने की जानकारी मिली है तब से वह उसका सच जानने के लिए उत्सुक है। ग्रामीणों का कहना है कि शिवलिंग देश की और हमारी प्राचीन धरोहर है। इस शिवलिंग को सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।