विधायकों का वेतन और भत्ता बढ़ाने पर भाईचारा, जनता के मुद्दों से किनारा, पढ़िए मजेदार कमेंट्स




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न्यूज 127.
उत्तराखंड के पुलिसकर्मियों का 4600 ग्रेड पे देने को लेकर भले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष मौन रहा हो। लेकिन अपने वेतन और भत्तों को बढ़ाने के लिए सभी विधायकों और मंत्रियों के स्वर एक रहे। किसी ने कोई हंगामा नहीं किया। यानि गैरसेन में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विधायकों के वेतन बढ़ाने को लेकर एकजुटता और भाईचारा का संदेश दिया गया।

इस विधायक के पास होने के बाद प्रदेश की जनता भी कमेंट कर रही है। सोशल मीडिया पर सत्ता और विपक्ष को लेकर मजेदार कमेंट्स किये जा रहे हैं। कुछ कमेंट आए जिनमें लोगों ने कहा कि महंगाई की मार विधायकों पर पड़ रही है। जिसके चलते उनका वेतन बढ़ाना जरूरी था। विधायक लोग 24 घंटे जनसेवा में रहते हैं इसीलिए उनके खर्चे ज्यादा हैं। कुछ विधायकों ने तो अपने निजी सहायकों के वेतन का बोझ भी जनता पर छोड़ दिया है।

पढ़िए क्या क्या कमेंट्स आए:—
एक कमेंट आया कि उत्तराखंड सरकार की कार्यशैली हमेशा चर्चाओं में रही है। अब जब विधायकों के वेतन बढ़ ही गए हैं तो सरकार को जनता की भी सुध लेनी चाहिए।

एक छोटे से प्रदेश की अज़ब कहानी। उसकी दो बड़ी-बड़ी राजधानी। गैरसैण वेतन बढ़ाने के लिए और देहरादून मौज उड़ाने के लिए।

यह पंक्तियाँ उत्तराखंड राज्य की स्थिति को व्यंग्यात्मक रूप से दर्शाती हैं। उत्तराखंड में दो राजधानियाँ हैं:

  1. *गैरसैण (भराड़ीसैंण): इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है। यहाँ पर विधायकों और अधिकारियों के वेतन बढ़ाने और अन्य औपचारिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण बैठकें की जाती हैं।
  2. देहरादून: यह राज्य की शीतकालीन राजधानी है और उत्तराखंड का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यहाँ पर अधिकारियों की सुविधाएँ और आरामदायक जीवन की व्यवस्था होती है, जिससे इसे “मौज उड़ाने” के लिए कहा गया है।

ये पंक्तियाँ उत्तराखंड की दोहरी राजधानी नीति और राजनेताओं के कार्यप्रणाली पर तंज कसती हैं, जो कि सार्वजनिक सेवा की बजाय अपने हितों को प्राथमिकता देते दिखते हैं। अरुण मिश्रा बोले बीपीएल कार्ड भी बनवा दो।

आकाश शर्मा ने कमेंट किया कि ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि इस महँगाई का सबसे ज्यादा असर विधायकों पर पड़ा है। आम जनता का क्या है वो तो मौज ले रही है।



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