मुख्यमंत्री पुष्कर धामी रचेंगे इतिहास, उनका यह कदम होगा क्रांतिकारी





योगेश शर्मा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में इतिहास रचने जा रहे है। भू कानून का लेकर उनका निर्णय क्रांतिकारी होगा। यदि वह भू कानून समिति की सिफारिशों को लागू करते हैं, तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूडी से भी अधिक सख्त भू कानून वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का होगा।
पुष्कर धामी के भू कानून में पहले के भू कानून की खामियां भी दूर हो जाएंगी। राज्य में जमीनों की बंदरबांट पर रोक लगेगी। राज्य के लोग भूमिहीन नहीं हो पाएंगे। भूमाफिया से राज्य की जमीनें बच सकेंगी। इस तरह पुष्कर के सामने हिमाचल के पहले सीएम यशवंत सिंह परमार बनने का मौका रहेगा।
भू कानून समिति की सिफारिशों को लागू कर सीएम पुष्कर धामी के सामने राज्य में एक इतिहास रचने का मौका होगा। अभी राज्य में नगर निगम सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में बाहरी लोग 250 वर्ग मीटर भूमि से अधिक जमीन नहीं खरीद सकते। लेकिन कानून की खामियों के कारण लोग इसमें भी खेल कर रहे हैं। नए प्रस्तावित भू कानून में इस खेल को बंद करने का इंतजाम किया गया है। एक परिवार के सभी लोगों का आधार नंबर राजस्व खाते से लिंक कर फर्जीवाड़ा रोकने का उपाय सुझाया गया है।
इसी तरह राज्य में निवेश के नाम पर बड़ी बड़ी जमीनें घेरने वालों पर भी नकेल कसने का प्रावधान किया गया है। तय किया गया है कि इन जमीनों पर यदि कोई उद्योग या अन्य कोई गतिविधि होती है, तो 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों के लिए सुनिश्चित कराना होगा। कृषि और उद्यान के नाम पर कृषि भूमि लेकर होने वाले खेल पर भी रोक लगाने की व्यवस्था की गई है। लोगों की जमीन बची रहे, इसके लिए जमीन खरीदने की बजाय लीज पर देने का नियम प्रस्तावित किया गया है। पहाड़ों पर बढ़ते अवैध निर्माण से बने धार्मिक स्थलों पर भी नकेल कसने के प्रावधान किए गए हैं। राज्य के लोग भूमिहीन न हो, उनके हक हकूक सुरक्षित रहें, इसकी भी व्यवस्था प्रस्तावित भू कानून में की गई है। ऐसे में इन सिफारिशों को लागू कर पुष्कर धामी के सामने खुद को स्थापित करने का एक सुनहरा मौका है। जिसके जरिए न सिर्फ उनका सियासी ग्राफ बढ़ेगा, बल्कि सियासी रूप से वे बढ़ते भी ले सकते हैं।



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