DAV हरिद्वार के बच्चों ने जलाए गंगा घाट पर दीपक, गंगा में उतरा तारा मंडल




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न्यूज 127.
यूं तो उत्तराखंड स्थापना दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है, किंतु इस वर्ष राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में राज्य के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आह्वान पर दिनांक 6 नवंबर से 12 नवंबर तक उत्तराखंड में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन शासन, प्रशासन एवं विद्यालयों द्वारा किया जा रहा है।

इसी श्रृंखला में दिनांक 11.11.2024 को हरिद्वार शहर में गंगा मां के पवित्र घाटों पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डीएवी पब्लिक स्कूल,जगजीतपुर, हरिद्वार के क़रीब 600 विद्यार्थियों एवम् 100 अध्यापकों द्वारा मां गंगा के हर की पौड़ी सीसीआर टावर से लेकर डाम कोठी मायापुर तक के तमाम घाटों के चप्पे चप्पे को दीपों से प्रकाशित कर इस दिवस को मनाया गया।

विष्णु पुल से बिरला पुल पर नवनीत कुमार गुप्ता के संयोजन में 9824 दीपक प्रज्ज्वलित किए। बिरला पुल से अलकनंदा पर रेनू शर्मा के संयोजन में 9828 दीप प्रज्ज्वलित किए।

हाथी पुल से विष्णु पुल पर रजत दुसेजा के संयोजन में 8226 दीपक प्रज्ज्वलित किए। अलकनंदा पुल से ॐ पुल पर शिखा भारद्वाज के संयोजन में 5526 दीपक प्रज्ज्वलित किए। ॐ पुल से डैम कोठी घाट पर इंदु लोहानी के संयोजन में 3960 दीपक प्रज्ज्वलित कर लक्ष्य को पूरा किया।

दीयों की रोशनी में जगमगाते ये तमाम घाट अवध की दीपावली जैसे शोभायमान लग रहे थे। मां गंगा की धारा में इन दीपकों का प्रतिबिंब मानो तारामंडल के गंगा की धारा में होने का आभास करवा रहा था।

विद्यालय के कला विभाग के अध्यापकों के साथ करीब 30 विद्यार्थियों ने जो सुबह ही घाटों पर पहुंच गए थे, सुंदर रंगोलियां बनाकर इसकी सुंदरता में मानो चार चांद लगा दिए।

विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया तथा डीएवी ने कार्यक्रम में अपनी प्रबल उपस्थिति का आभास कराया।

यह दीपोत्सव हरिद्वार वासियों की स्मृति में निश्चित ही वर्षों तक अपनी छाप बनाए रखेगा। प्रधानाचार्य ने सभी विद्यार्थियों एवम् उनके अभिभावकों का धन्यवाद किया जिन्होंने अपने बच्चों को इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए भेजा तथा उन्होंने कार्यक्रम संयोजक शरद कांत कपिल, सुपरवाइजरी हेड्स कुसुम बाला त्यागी एवम् हेमलता पाण्डेय तथा सभी स्टॉफ मेंबर्स का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्यक्रम में अपना अमूल्य योगदान दिया।



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