ऊर्जा प्रोजेक्ट्स की लगातार की जायें मॉनिटरिंग: ऊर्जा सचिव राधिका झा
सोनी चौहान
उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया।
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि गुणवत्तायुक्त पॉवर सप्लाई, ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा और जनता की समस्याओं का तेजी से निराकरण सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग अति आवश्यक है। ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में चीड़ की पत्ती से ऊर्जा उत्पादन में उत्तराखण्ड तेजी से कार्य कर रहा है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से पॉवर स्टेटस की मासिक रूप से मॉनिटरिंग, विद्युत चोरी को रोकने एवं सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स की लगातार मॉनिटरिंग करने का भी अनुरोध किया।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के विकास के लिए हम सब को मिलकर टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को होम स्टे जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकें इसके लिए एकल खिड़की व्यवस्था का पूर्ण रूप से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 13 डिस्ट्रिक्ट्स 13 न्यू डेस्टिनेशन, रोपवे, स्काई लिफ्ट्स, कन्वेंशन सेंटर आदि विभिन्न योजनाओं पर कार्य चल रहा है। साथ ही वेलनेस सिटी पर भी कार्य चल रहा है। इन योजनाओं की जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें फार्म बेस्ड और नॉन फार्म बेस्ड दोनों प्रकार की योजनाओं को मजबूती से लागू करना होगा। तभी किसानों कि आय दोगुनी करने में सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए कृषि के आधुनिकीकरण की ओर बढ़ना होगा। अपने स्थानीय उत्पादों के लिए बाजारों को विकसित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही रिस्क मैनेजमेंट में भी कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि फसलों का बीमा हो सके और किसानों को कम से कम नुकसान हो। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए माइक्रो प्लान पर फोकस करना होगा। साथ ही इंटीग्रेटेड मॉडल विलेज और कृषि क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट पर भी फोकस करना होगा।
जिलाधिकारी बागेश्वर रंजना ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जनपद में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली, सचल पशु चिकित्सा वाहन, कृषि उत्पादन लागत को कम करने से इस क्षेत्र में काफी सुधार आया है।