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हरिद्वार के एक जिम ट्रेनर की मौत के मामले में एडीजे अनिरूद्ध भटट की कोर्ट ने छह पुलिसकर्मियों को राहत प्रदान की है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश भटट ने 2 जुलाई 2025 को छह पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस प्रकरण में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस का तर्क था कि वसीम की मौत तालाब में डूबने से हुई है।
25 अगस्त 2024 की घटना है। हरिद्वार के माधोपुर में वसीम गोमांस लेकर जा रहा था। वसीम ने पुलिस को देखकर तालाब में छलांग लगा दी। तालाब में डूबने से वसीम की मौत हो गई। जबकि परिजनों का अरोप है पुलिसकर्मियों ने मारपीट करने के बाद उसको तालाब में धक्का दिया है। इसी प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश श्रीवास्तव ने वसीम के परिजन अलाउददीन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उप निरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी और प्रवीण सैनी समेत तीन अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। पुलिस की ओर से एडीजे अनिरूद्ध भटट की कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।
उप निरीक्षक शरद सिंह ने बताया कि एडीजी की कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी।
UTTARAKHAND POLICE उत्तराखंड पुलिस के छह जवानों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर अंतरिम रोक


