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डीएवी पब्लिक स्कूल डिफेंस कालोनी देहरादून में 11 से 16 वर्ष की आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए हैप्पीनेस एक्सप्रेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका संचालन सामाजिक कार्यकर्ता, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित सामाजिक वृत्तचित्र फोटोग्राफर एवं आर्ट ऑफ लिविंग के मेडिटेशन कोच नीरज गेरा के द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।
इस वर्ष की कार्यशाला में भी उन्होंने सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों के मन-मस्तिष्क को अपने ओजस्वी शब्दों द्वारा प्रभावित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अनेक रोचक गतिविधियों का हिस्सा बनाकर, उनके मनोरंजन के साथ-साथ उनसे जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। बच्चों को बड़े ही रोचक ढंग से जीवन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। विद्यार्थियों ने भी इन सभी गतिविधियों में पूरे जोश, रुचि व सक्रियता से भाग लिया।
उन्होंने पूरे मनोयोग से सर्वप्रथम ‘राधेश्याम, सीताराम’ मंत्र के उद्घोष द्वारा बच्चों का ध्यान व एकाग्रता को पूरी तरह से कार्यशाला हेतु तैयार करने का प्रयास किया। उनके द्वारा करवाई गई इस गतिविधि के दौरान बच्चे बहुत ही उत्साह से भरे हुए दिखाई दिए तथा विद्यार्थियों ने ज़ोर-शोर से ‘राधे श्याम, सीताराम’ मंत्र का उद्घोष किया। इसके बाद उन्होंने विश्व प्रसिद्ध महान विभूतियों के जीवन व विचारों का उदाहरण देकर बच्चों को विद्यार्थी जीवन में लक्ष्य के प्रति दृढ़संकल्प रहने की सीख दी।
तत्पश्चात् समाज में व्याप्त लैंगिक रूढ़िवादिता पर बात करते हुए उन्होंने लड़कियों को सशक्त बनने व अपनी योग्यता के बल पर समाज व देश की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरणादायक शब्द कहे। समाज से लैंगिक भेदभाव की समस्या को समाप्त करना नितांत आवश्यक है। छात्रों को यौन शिक्षा दिए जाने के महत्त्व पर बात करते हुए उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को मर्यादित रहते हुए एक सभ्य, स्वस्थ व महिलाओं के लिए सुरक्षित समाज का निर्माण करने के प्रति जागरूकता प्रदान की।
एक आकर्षक संक्षिप्त नाम EAF -उत्साह, क्रिया और भावनाओं के साथ उन्होंने छात्रों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता पाने व अपने सपनों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए प्रयासरत रहने की प्रेरणा दी। समय के साथ-साथ रोज़गार के नए-नए अवसर युवा वर्ग के सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी रुचि व योग्यता को स्वयं पहचानते हुए सही व्यवसाय का चुनाव करना चाहिए। ताकि भविष्य में सही दिशा में प्रयास करते हुए युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हों।
इसके पश्चात उन्होंने सोशल मीडिया के दुष्परिणामों के बारे में बात करते हुए आज के बच्चों को इससे दूर रहने की सलाह दी। क्योंकि सोशल मीडिया समय के अपव्यय से अधिक और कुछ भी नहीं है। उनकी बातों से प्रभावित होकर बच्चों ने यह प्रण किया कि वे सोशल मीडिया से यथासंभव दूर रहने का प्रयास करेंगे। उन्होंने मासिक धर्म के विषय पर मुक्त रूप से बात करते हुए छात्र-छात्राओं को इसे एक प्राकृतिक एवं स्वस्थ शारीरिक प्रक्रिया के रूप में स्वीकारने, इस बारे में अपनी मानसिकता को बदलने की बात कही। बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान अपने स्वास्थ्य व व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह दी।
यह कार्यशाला बच्चों के लिए प्रत्येक दृष्टि से ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायी रही। जिसमें बच्चों ने भरपूर उत्साह व नवीन स्फूर्ति के साथ भाग लिया। कार्यशाला के अंत में नीरज गेरा ने बच्चों व शिक्षकों को मेडिटेशन करवाने के साथ-साथ मेडिटेशन करने लाभ भी बताए। अंत में डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया जी ने नीरज गेरा का इस अनोखी पहल की शुरुआत करने व एक नवीन सोच के तहत बच्चों को भावी जीवन के लिए समुचित ज्ञान प्रदान करने की प्रशंसा की व धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर सभी के मध्य जसवंत मॉडर्न स्कूल की प्रधानाचार्या व सहोदय विद्यालय संगठन की सचिव मीनाक्षी गंडोत्रा भी उपस्थित रहीं। जिन्होंने आज के विद्यार्थियों के लिए इस प्रकार की कार्यशाला की उपयोगिता को समझते हुए डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या व नीरज गेरा की इस अद्वितीय सोच व सराहनीय प्रयास की प्रशंसा की।