नवीन चौहान
उत्तराखंड में पहली बार किसी जज को बर्खास्त किया गया है। नाबालिग बालिका के शोषण के आरोप में जज दीपाली शर्मा को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसी प्रकरण में उत्तराखंड शासन ने हरिद्वार की तत्कालीन सिविल जज दीपाली शर्मा को बर्खास्त कर दिया है। शासन ने यह कार्रवाई उच्च न्यायालय नैनीताल की पूर्ण पीठ की सिफारिश पर की है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने बर्खास्तगी का आदेश जारी किया हैं।
सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल ने भी न्यायिक सेवा की अधिकारी दीपाली शर्मा की सेवाएं समाप्त करने की पुष्टि की है।
हरिद्वार की तत्कालीन सिविल जज दीपाली शर्मा पर एक साल पूर्व साल एक नाबालिग बालिका को अपने सरकारी आवास पर रखने और उसके साथ मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया था। इस प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन जिला जज राजेंद्र सिंह चौहान व तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने बालिका को बरामद कर चिकित्सीय परीक्षण कराया। जज दीपाली शर्मा पर तमाम आरोपों की पुष्टि भी हुई थी। जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। तत्कालीन एएसपी रचिता जुयाल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया तथा विवेचना सीओ मनोज कत्याल ने की थी। अप्रैल में सीओ कनखल रहे मनोज कात्याल ने दीपाली शर्मा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसी प्रकरण में जज दीपाली शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है।