नवीन चौहान
कुंभ पर्व 2021 के आयोजन में कोविड की जांच में अनियमितता के चलते पहला दाग लग चुका है। कुंभ मेले के स्वास्थ्य विभाग की संदेहजनक कार्यशैली उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन की छिछालेदारी करा रही है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प्रथमदृष्टया इस प्रकरण की जांच के बाद आरोपों की पुष्टि होने के बाद दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट समेत दो एजेंसियों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। इसके अलावा एक एसआईटी गठित की जा रही है। जिलाधिकारी सी रविशंकर पूरी गंभीरता के साथ पारदर्शिता और निष्पक्षता से अनियमितता के प्रकरण की पड़ताल कराने की मंशा से कार्य कर रहे है। जिसके बाद भ्रष्टाचार के इस खेल से परदा उठेगा।
जिलाधिकारी सी रविशंकर किसी भी कार्य को पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करने में यकीन रखते है। जिलाधिकारी का सादगी पूर्ण व्यक्तित्व हमेशा सच्चाई का पक्षधर रहा है। भ्रष्टाचार पर उनकी नजरे तिरछी रही है। लेकिन कुंभ पर्व 2021 के आयोजन में मेला स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियुक्त एजेंसी के कोविड जांच के कृत्य ने मेले को दागदार बना दिया। जिसके बाद से यह प्रकरण सुर्खियों में है। राजनैतिक दल हमलावर है। विपक्ष सरकार पर अंगुली उठा रहा है।
जिलाधिकारी इस प्रकरण को पूरी गंभीरता से लेकर मुख्य विकास अधिकारी आईएएस सौरभ गहरवार से बेहद गोपनीय स्तर पर जांच करा रहे है। प्रथमदृटया जांच में आरोपों की सत्यता पाए जाने और अनियमितताओं प्रतीत होने पर ही मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर देना ही जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदारी को दर्शाता है। हालांकि इस प्रकरण में मुख्य विकास अधिकारी की जांच अभी गतिमान है। जांच रिपोर्ट भी जिलाधिकारी को सुपुर्द नही की गई है। लेकिन जिस तरह से जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। इस बात से यह तो साफ हो गया कि भ्रष्टाचारियों पर करारा प्रहार होना तय है। दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट व दो अन्य एजेंसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के साथ ही कुंभ मेले के स्वास्थ्य विभाग की टेंडर प्रक्रिया में शामिल कई लोगों की मुश्किले भी बढ़ गई है। आखिरकार नियमों और मानकों की अनदेखी करके टेंडर देना और एजेंसी के कार्य का सही तरीके से निरीक्षण नही करना भी घोर लापरवाही की श्रेणी में ही आता है। हालांकि जिलाधिकारी सी रविशंकर की पारखी नजरों से भ्रष्टाचारियों का बच मुश्किल ही नही नामुममिक है। फिलहाल मुकदमा दर्ज होने के बाद नगर कोतवाली पुलिस विवेचना प्रारंभ करेंगी। विवेचना में कई दूसरे रहस्यों से भी परदा उठेगा।
कंपनी का पैंसा बनाने का फार्मूला
दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट कंपनी को कोविड जांच करने का कार्य मिला था। कंपनी ने कुंभ पर्व में आए श्रद्धालुओं के 118239 एंटीजन टेस्ट किए। जबकि 5782 आरटीपीसीआर जांच की गई। जिसकी एवज में कुंभ मेला प्रशासन की ओर से कंपनी को एक एंटीजन टेस्ट के लिए 354 रूपये और आरटीपीसीआर जांच के लिए 500 रूपये की दरें से भुगतान किया जाना था। कंपनी ने टेंडर मिलने के बाद फर्जी तरीके से आंकड़े पूरे किए और बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत कर दिया। हालांकि इन बिलों का भुगतान नही हुआ है। लेकिन भुगतान के लिए बिल प्रस्तुत करने से ही कंपनी की मंशा संदेहजनक है।