पतंजलि ने IRULA के माध्यम से स्वरोज़गार को दिया बढ़ावा: आचार्य बालकृष्ण




  • गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम से महिलाओं के जीवन में हो रहा है विशेष परिवर्तन: प्रदीप पांडेय

नवीन चौहान.
उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन (USRLM) के सहयोग से पतंजलि के समृद्ध ग्राम ट्रेनिंग सेंटर में उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों से आयी स्वयं सहायता समूह की बहनों को Traditional Eco Art की ट्रेनिंग माध्यम से उत्तराखंड की पारंपरिक कला “ऐपन” को स्वरोजगार के साथ जोड़कर आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी बहनों को IRULA (Indian Rural Art) hyper local model से जुड़कर व्यापार एवं आजीविका अभिवृद्धि हेतु भी प्रशिक्षण दिया गया। इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी बहनें पतंजलि के प्रति कृतज्ञता तथा अपनी आजीविका अभिवृद्धि के प्रति दृढ़ संकल्पित दिखी।

इस कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पतंजलि समूह के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी महिलाओं को सर्टिफिकेट्स भी वितरित किए और कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला को बढ़ावा देना तथा महिलाओं के जीवन में आजीविका अभिवृद्धि तथा आत्मनिर्भरता लाना इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं।

इससे प्रशिक्षकों महिलाओं में ग़ज़ब का उत्साह देखने को मिला। ग़ौरतलब है कि इस कार्यक्रम में महिलाओं को दिया, पत्थर, साड़ी, कुर्ता, Wooden block, कैनवास तथा वाल पेंटिंग के माध्यम से कला में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन के एडिशनल सीईओ प्रदीप पांडेय ने भी पतंजलि के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर बनस्थली विश्वविद्यालय राजस्थान से आयी प्रोफेशनल्स की टीम के साथ साथ पूरी समृद्ध ग्राम की टीम भी उपस्थित रही।



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