उत्तराखण्ड STF ने साइबर धोखाधड़ी के सरगना को जयपुर से पकड़ा




नवीन चौहान.
उत्तराखंड एसटीएफ साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस टीम ने साइबर ठगी के एक धोखेबाज को जयपुर से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि जमा कर उन्हें अपना शिकार बनाते थे। DITIGAMAX नामक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड़ कराकर पीडितों को उनके डेसबोर्ड में अधिक मुनाफे सहित धनराशि दिखाई जाती थी। अभियुक्त साईबर धोखाधड़ी हेतु दूसरें व्यक्तियों की आईडी से निर्गत कई सिमकार्ड्स व धनराशि बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग में नियुक्त पीड़ित द्वारा माह फरवरी 2024 में दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा विगत दिनों उन्होनें फेसबुक में एक ट्रैडिंग बिजनेस का मैसेज देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनका सम्पर्क एक विदेशी वाट्सअप नम्बर से हुआ। इस नम्बर पर चैंटिग करने पर उन्होने एक वाट्सअप ग्रुप में जुडने हेतु बताया तथा DITIGAMAX एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर इन्वेस्ट करने हेतु बताया गया । इस एप्लिकेशन में ट्रेडिंग करने के लिये उनके द्वारा वाट्सअप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 30 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी।

साईबर अपराधियों द्वारा नये जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को कुछ ही दिनों में 3 गुना मुनाफे सहित लगभग 90 लाख रुपये की धनराशि उनके डेसबोर्ड में प्रर्दशित की गयी। प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम ललित मोहन जोशी को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बर/जीमेल तथा वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा तथा गूगल कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से प्री-एक्टिवेटेड दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड बैंक खातों का प्रयोग किया गया है तथा दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यो के विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही के फर्जी आई पर संचांलित होने पाये गये । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपी चन्दन कुमार यादव पुत्र स्व0 रामजीत यादव नि0 ग्राम मानिकपुर, पो0 पीरपैंती, पुलिस स्टेशन पीरपैंती, मलिकपुर दियारा जिला भागलपुर बिहार चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की तथा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म का है जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता था । इसी बीच साईबर पुलिस टीम के पास कुछ नई तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी जिस पर टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में वांछित अभियुक्त चन्दन कुमार यादव उपरोक्त को जिला जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया ।

अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 03 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप, 07 चैक बुक, पासबुक, बैंक चैक, 07 डेबिट कार्ड, विभिन्न सिम कार्ड, फर्जी मुहरें व आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि भी बरामद हुए है । साईबर पुलिस की जांच पडताल में अभियुक्त के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म/कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है ।

अपराध का तरीका:
अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने तथा मोबाइल फोन में DITIGAMAX एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर नये शेयर के जारी होने वाले (IPO) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अपराधी द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकासी प्रयोग करते है ।

अभियुक्त द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम व फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । पीड़ित को लालच का झांसा देने के लिये मोबाइल एप्लिकेशन में मुनाफे की धनराशि पीडित को उसके डैसबोर्ड पर दिखायी देती थी । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले है जिनका प्रयोग वह खुद करता था । बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आई0डी0 को इटंरनेट बैंकिट के लिये प्रयोग करता था ।
साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है । अभियुक्त की गिरफ्तारी में अपर उपनिरीक्षक श्री सत्येन्द्र गंगोला व आरक्षी मुहम्मद उसमान द्वारा सराहनीय कार्य किया गया ।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलकर उन खातो का प्रयोग साईबर अपराध में ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है । इस अभियोग से सम्बन्धित बैंक खाता भी इसी अभियुक्त ने एक दिव्यांग व्यक्ति के नाम से खोला था । जिस खाते को इन्टनेट बैंकिंक के माध्यम से संचालित करने हेतु एसएमएस अलर्ट नम्बर व ईमेल आई0डी0 का प्रयोग अभियुक्त द्वारा किया जा रहा था । अभियुक्त द्वारा कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म/कम्पनियों को रजिस्टर्ड कर बैंक खाते खोले गये है जिनका एक्सेज अभियुक्त द्वारा किया जा रहा था, इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में करोड़ो रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों से साईबर अपराधों की शिकायतें दर्ज है ।

प्राथमिक विश्लेषण पर गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड आदि राज्यों में कुल 11 शिकायतें भी हैं |

गिरफ्तारी पुलिस टीम-
1- SHO श्री ललित मोहन जोशी
2- अपर उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला
3- हे0का0 मनोज कुमार
4- हे0का0 सुरेन्द्र सिंह सामन्त
5- का0 मो0 उस्मान



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