नवीन चौहान.
उत्तर भारत में हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश के साथ चली तेज हवा और ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद कर दिया है। गेहूं की फसल खराब होने से उत्पादन घटने की संभावना हो गई है। सरसों और आलू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से इस समय पूरे उत्तर भारत में बारिश हो रही है। मार्च के महीने में हो रही यह बारिश रिकार्ड स्तर पर पहुुंच रही है। कुछ स्थानों पर बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि भी हुई है। बारिश के साथ चली तेज हवाओं से गेहूं की फसल को गिरने से नुकसान हुआ है, रही सही कसर ओलावृष्टि ने पूरी कर दी है। आलू की फसल में इस समय खुदाई का कार्य चल रहा था लेकिन पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी भरने से आलू की खुदाई का कार्य रूक गया है, खेतों में पानी भरने से आलू के गलने का खतरा पैदा हो गया है। बारिश के साथ कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से भी नुकसान हुआ है।
पहाड़ों में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है, ओलावृष्टि से तापमान में गिरावट आ गई है। मैदानी इलाकों में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है जो सामान्य से करीब 7 से 8 डिग्री सेल्सियस कम है। रात के तापमान में भी गिरावट हुई है। तापमान में गिरावट आने से एक बार फिर से हल्की ठंड का अहसास हो गया है। गरम कपड़ों को उठाकर रख चुके लोग भी अब हल्के गरम कपड़े पहने दिखने लगे हैं।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ एन सुभाष का कहना है कि रात में हुई बारिश के बाद सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक करीब 60 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। अभी पश्चिमी विक्षोभ का असर बना हुआ है जिसके कारण अभी बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना बनी हुई है।