नवीन चौहान.
उष ब्रेको कंपनी ने जिस जमीन को नगर निगम से किराये पर लिया उसकी किरायेदारी में करोड़ों की धांधली का मामला सामने आया है। यह मामला सूचना आयोग के सामने आयी एक शिकायत के बाद जांच के दौरान सामने आया। अब सूचना आयोग ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम के अधिकारियों को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है।
दरअसल कनखल, हरिद्वार निवासी याचिकाकर्ता दीपक ठाकुर ने नगर निगम हरिद्वार से ऊषा ब्रेको कंपनी पर वर्ष 2006-07 से नगर पालिका हरिद्वार और नगर निगम हरिद्वार की देनदारी और उसके सापेक्ष किए गए भुगतान की वर्षवार सूचना मांगी थी। सूचना उपलब्ध न कराने पर दीपक ठाकुर ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। सूचना आयोग में सुनवाई होने पर सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा नगर निगम के लोक सूचना अधकारी से संबंधित सूचना पर स्थित स्ष्ट करने को कहा गया जिसके बाद खुलासा हुआ कि, नगर निगम हरिद्वार द्वारा ऊषा ब्रेको कंपनी से पूरा निर्धारत शुल्क वसूला ही नहीं गया। वर्षवार ब्यौरा देखने पर खुलासा हुआ कि अकेले वर्ष 2006-07 में ही 66,78,198 रूपये की देनदारी का कोई हिसाब नगर निगम हरिद्वार के पास नहीं था। इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया कि ऊषा ब्रेको कंपनी द्वारा नगर निगम को किए जाने वाले किराए का भुगतान भी मनमाने तरीके से किया गया। सुनवाई के दौरान ऊषा ब्रेको कंपनी के अभिलेखीय खाते में पिछले डेढ़ दशक की अवधि में करोड़ों रुपये की हेराफेरी भी पाई गई।
वूसली पंजिका में पायी गई ओवर राइटिंग
नगर निगम हरिद्वार की मांग वसूली पंजिका में ऊषा ब्रेको कंपनी के खाते में ओवर राइटिंग का मामला भी पकड़ में आया। यह तथ्य भी सामने आया कि नगर निगम हरिद्वार की महत्वूर्ण पंजिकाओं में एंट्री दर्ज किए जाने का काम गंभीरतापूर्वक नहीं किया गया है। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने इसे गंभीर अनियमितता करार देते हुए बड़े घपले की आशंका जताई। उन्होंने नगर निगम हरिद्वार के वरिष्ठ वित्त अधिकारी, लेखाधिकारी तथा कर अधीक्षक को पक्षकार बनाते हुए एक सप्ताह के भीतर ऊषा ब्रेको कंपनी से संबंधित वर्तमान तिथि तक वसूली का समस्त ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोक सूचना अधिकारी को अगली सुनवाई पर वर्ष 2004-05 से वर्तमान तिथि तक नगर निगम हरिद्वार की मांग व वसूली की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।