ब्लाइंड मर्डर केस का SSP प्रमेंद्र डोबाल ने किया खुलासा




नवीन चौहान. कोतवाली मंगलौर क्षेत्र में हुए एक अविवाहित अधेड़ की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर वारदात को अंजाम देने में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी को भी बरामद कर लिया है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने प्रेसवार्ता कर घटना के खुलासे के बारे में जानकारी दी।

कोतवाली मंगलौर पर दिनांक 30.01.2024 को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम मोहम्मदपुर जट में अकेले रह रहे वृद्ध का बिस्तर खून से सना हुआ है लेकिन उक्त वृद्ध गायब है। बाद में मृतक का शव बुरी स्थिति में घटनास्थल से कुछ दूरी पर गंदे नाले से बरामद हुआ था। घटना की संवेदनशीलता/नृशंसता को देखते हुए एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी क्राइम/ट्रैफिक पंकज गैरोला, एएसपी/सीओ जितेंद्र मेहरा, सीओ रुड़की (तत्समय मंगलौर) पल्लवी त्यागी, एसएचओ मंगलौर अमरचंद शर्मा समेत तमाम पुलिस अधिकारियों एवं फॉरेंसिक टीम व स्वान दल के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए एवं घटना के अनावरण के लिए कई टीमें गठित की गईं। पुलिस टीम रक्त बिंदुओं के आधार पर डेड बॉडी तक पहुंची। आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्रवाई कर फॉरेंसिक टीम द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए गए।

प्रारंभिक तौर पर दिखा कि किसी धारदार हथियार से वीभत्स तरीके से हत्या को अंजाम दिया गया है। मृतक द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करना, लोगों से कम मिलना जुलना एवं अन्य भी किसी प्रकार की कोई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस न मिलने के कारण घटना का खुलासा करना हरिद्वार पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज बन गया। घटना के सबंध में सुखपाल पुत्र रूपराम निवासी मोहम्मदपुर जट कोतवाली मंगलौर की लिखित शिकायत पर अंतर्गत धारा 302, 201 आईपीसी अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

गठित की गई कई पुलिस टीमों द्वारा हजारों हजार मिली जानकारियों को आपस में जोड़ते हुए यह प्रकाश में आया कि संदिग्ध अंकित जो लगातार अपने ठिकाने बदलता है तथा जंगलों में निवास करता है, का मृतक से वार्तालाप होता था लेकिन पिछले कुछ समय से विवाद भी था।

दिनांक 03.02.24 को मुखबिर की सूचना पर नारसन क्षेत्र में पैदल जा रहे उक्त संदिग्ध (अंकित) को दबोचकर पूछताछ की गई तो सारा मामला खुल कर सामने आ गया। यह भी जानकारी में आया कि उक्त अंकित कई दिनों बाद राजस्थान से वापस लौटा था। पूछताछ में सामने आया कि अंकित की दोस्ती कबूतर पालन और पेंटर का काम करने वाले रमेश (मृतक) से थी। अंकित ने मृतक रमेश के समय-समय पर कुछ कबूतर मार दिए। जिस कारण अंकित के सामने आने पर मृतक रमेश बार-बार अंकित को मां की गाली देता था। मरे हुए कबूतर को गाढ़ देने पर हुए विवाद व मृतक रमेश के बार-बार अंकित को मां की गाली देने से बुरी तरह नाराज होकर अंकित ने रमेश की कुल्हाड़ी से काटकर/मारकर नृशंस हत्या कर दी और लाश को वहां से कुछ दूरी पर ले जाकर गंदे नाले में फेंक दिया।

एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि हत्यारे को पकड़ना इतना सरल नहीं था क्योंकि इसके द्वारा आजीवन कभी भी फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। लोगों के ज्यादा टच में नहीं था। शुरुआती दौर में गांव में दूसरी बिरादरी पर शक था जिस कारण जल्दी खुलासा न होने पर गांव में सुगबुगाहट बढ़ रही थी जिस कारण उक्त प्रकरण कभी भी शांति व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील हो जाता। साथ ही शव को गंगनहर में फेंकने का हत्यारे का प्लान अगर कामयाब हो जाता तो खुलासा करने में खासे मुशकिलात पेश आते।

हरिद्वार पुलिस की सटीक करवाई, देहात क्षेत्र अधिकारियों का प्रकरण के संबंध में हर प्राप्त हो रही जानकारी को कई चरणों में चैक करने हेतु गठित की गई टीमों पर बारीकी से पर्यवेक्षक करना और पूरी टीम का “एक इकाई के रूप में” कार्य करते हुए सफलता प्राप्त करना ऐसा खुलासा रहा जिस पर मंगलौर क्षेत्र की जनता ने हरिद्वार पुलिस की कार्यशैली की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कोतवाली मंगलौर जाकर थाना पुलिस को भी सराहा।

पुलिस टीम-
1- प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मंगलौर अमरचंद शर्मा
2- वरिष्ठ उपनिरीक्षक धर्मेंद्र राठी
3- उपनिरीक्षक देवेंद्र तोमर
4- हेड कांस्टेबल सेंसर पाल
5- कांस्टेबल पंकज
6 -कांस्टेबल राजेश देवरानी
7-कांस्टेबल विनोद बर्थवाल



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