Article 370: SUPREME CAURT सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा जम्मू एंड कश्मीर से 370 हटाए जाने का फैसला




नवीन चौहान.
सु्प्रीम कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर आज 11 दिसंबर को फैसला सुनाया। इस अनुच्छेद के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था।

जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
चीफ जस्टिस ने कहा कि चीफ जस्टिस ने कहा कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए थे, तभी जम्म-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई थी। वह भारत के तहत हो गया। साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है।

अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था
अनुच्छेद 370 पर फैसला पढ़ते हुए चीफ जस्टिस ने कहा है कि राज्य में युद्ध के हालातों की वजह से अनुच्छेद 370 एक अंतरिम व्यवस्था थी। अनुच्छेद 370 (3) के तहत राष्ट्रपति को यह अधिसूचना जारी करने की शक्ति है कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो जाता है और जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी अनुच्छेद 370 अस्तित्व में रहेगा। संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं थी। जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का उद्देश्य एक अस्थायी निकाय था।

370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध
चीफ जस्टिस ने कहा कि राष्ट्रपति के लिए यह जरूरी नहीं था कि वह जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश के बाद ही 370 पर कोई आदेश जारी करें। अनुच्छेद 370 को बेअसर कर नई व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है। जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार का फैसला बना रहेगा। पांच अगस्त 2019 का फैसला बरकार रहेगा। इसे नहीं बदला जाएगा।

जल्द से जल्द कराएं चुनाव
सीजेआई ने कहा है कि नए परिसीमन के आधार पर जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव करवाएं जाएं। इस संबंध में केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया है। अदालत ने ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाए।



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