नवीन चौहान.
त्योहारी सीजन आता है तो फूड विभाग बाजारों में सैंपलिंग करता नजर आने लगता है। लेकिन हरिद्वार में जो घटना सामने आयी है उसने फूड विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। जैसा की कहा जा रहा है कि कुट्टू का आटा खाने से लोग बीमार हुए तो फिर फूड विभाग ने इसके सैंपल पहले क्यों नहीं भरे।
घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया है। जिलाधिकारी डॉ विनय शंकर पांडे ने जहां इस पूरे मामले में जांच के आदेश जारी किये हैं वहीं उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट को दुकानों से कुट्टू के आटे के सैंपल लेने के लिए कहा है। फूड विभाग भी घटना के सामने आने पर अपनी जांच में जुट गया है।
बड़ा सवाल यही है कि जब फूड विभाग त्योहारी सीजन में सैंपल लेने की कार्रवाई करता है तो फिर ये इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। क्या जानबूझ कर सैंपल नहीं लिए गए या फिर कोई और वजह रही। राहत की बात ये है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय से इलाज मिलने से उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।
जिस इलाके से लोग अधिक बीमार हुए उन इलाकों की दुकानों से कुट्टू का आटा अब गायब हो चुका है, ऐसी चर्चा वहां के स्थानीय लोग कर रहे हैं। अब देखना यही है कि इस घटना में कौन दोषी सामने आता है और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।