नवीन चौहान
हरिद्वार के रेल चौकी में एक महिला रोते हुए थाने पहुंची। आंखों से टपटप आंंसू गिर रहे थे। चौकी प्रभारी प्रवीन रावत ने महिला से रोने की वजह पूछी और चुप होने को कहा। महिला ने कहा कि पुलिस बड़ी बेरहम हो गई है। आपके नो पार्किंग के चालान के चक्कर में मेरा शूट फट गया। महिला को पुलिस के चालान से कोई शिकायत नही थी। बस उसको शुट के फट जाने का दुख था। महिला को शांत कराया गया। लेकिन महिला ने चालान को लेकर कोई आपत्ति नही की। बस शूट को लेकर आंसू बहाती रही।
घटना रविवार की रात करीब आठ बजे की है। रेल चौकी प्रभारी प्रवीन रावत यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सड़कों पर वाहनों को व्यवस्थित करा रहे थे। जबकि अतिक्रमण करने वाले वाहनों के नौ पार्किंग के चालान भी कर रहे थे। रेल फाटक से लेकर रेल चौकी तक यातायात बाधित हो रखा था। स्कूल ड्रैस संबंधी सामग्री बेचने वाली दुकानों पर अप्रत्याशित भीड़ जुटी थी। दुकानों पर भीड़ टूट कर पड़ रीी थी। इसी दौरान पुलिस अतिक्रमण करने वाले वाहनों के चालान करने में लगी थी। रेल चौकी प्रभारी प्रवीन रावत यातायात व्यवस्था को सुगम बनाकर चौकी पहुंचे ही थे तभी एक महिला रोते हुए पहुंची। महिला ने खुद का परिचय एक शिक्षिका के तौर पर दिया। लेकिन महिला का दुख चालान से कम और शूट फट जाने को लेकर ज्यादा दिखा।