कुछ कहता है हरीश रावत का ये मैसेज, एग्जिट पोल को लेकर कही ये बातें




नवीन चौहान.
भाजपा भले ही दावा कर रही हो कि इस बार भी प्रदेश में उनकी सरकार आ रही है लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस की जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त है। एग्जिट पोल को लेकर जो रिपोर्ट सामने आयी है उस पर उन्होंने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि इस बार वोट सत्ता परिवर्तन के पक्ष में था तो फिर भाजपा कैसे सत्ता में आ रही है। पढ़िए उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर क्या लिखा।

हरीश रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा— कल कुछ #एग्जिट_पोल के निष्कर्षों ने उत्तराखंड के लोगों के माथे में सिकन डाल दी है। लोगों को लग रहा है कि उनका वोट तो परिवर्तन के पक्ष में था, ये भाजपा कैसे फिर से सत्ता में वापसी कर रही है! कहीं दूर-दूर तक भाजपा सत्ता में वापसी नहीं करने जा रही है, एक माइंड गेम सत्तारूढ़ दल के इशारे पर खेला जा रहा है।

आप देखिए न कुछ एग्जिट पोलों में पार्टी विशेष के लिए बताया गया है कि ये पार्टी 32 से 42 तक या इस नंबर से इस नंबर तक सीटें हासिल करेगी, अर्थात 9-9, 10-10 सीटों का अनुमान तो ये एग्जिट पोल का भी अपमान है। जनता ने परिवर्तन के पक्ष में वोट दिया है, परिवर्तन का नेतृत्व स्वयं उत्तराखंड की जनता कर रही थी, हमने पूरे चुनाव अभियान में इस बात को बहुत गहराई से अनुभव किया।

हमसे तो केवल इस समय जनता की अपेक्षाएं हैं गैरसैंण से लेकर गैस का सिलेंडर नहीं होगा 500 के पार तक, समाज कल्याण की पेंशनों में वृद्धि से लेकर उपनल कर्मियों सहित ऐसे सभी राज्य कर्मी जो राज्य के लिए काम करते हैं, मगर जिनको राज्य कर्मी का दर्जा नहीं मिल पा रहा है, उन सभी लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करना है, लोगों की अपेक्षाएं ढेरों हैं, लोग ऐसे में कांग्रेस के बजाय किसी और पार्टी का राग सुनना पसंद नहीं करेंगे और न कर रहे हैं।

कांग्रेसजन उत्साहपूर्वक मतगणना की प्रक्रिया में भाग लें और अपने उम्मीदवारों की विजयी का जश्न मनाने की भावना लेकर मतगणना केंद्र में पहुँचें, फिर कुछ ऐसे भी एग्जिट पोल हैं जिन्होंने सीट दर सीट आकलन किया है, वो सारे आकलन जिसमें कांग्रेस से दूर से भी मित्रता न रखने वाले कुछ समाचार एजेंसीज भी सम्मिलित हैं, उनके एग्जिट पोल भी हैं जो कांग्रेस की सरकार बना रहे हैं, खैर एग्जिट पोल भी एक विधा है, मैं उस पर शंका नहीं उठा रहा हूँ, एग्जिट पोल करवाने वाले किस भावना से करवा रहे हैं, उस पर तो विचार किया ही जा सकता है।

साभार: हरीश रावत की फेसबुक वॉल से



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