नवीन चौहान.
एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद अब प्रदेश में एक बार फिर से जीत हार की चर्चा तेज हो गई है। चुनाव के परिणाम आने में अब चंद घंटे ही बचे हैं, ऐसे में एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर कहीं खुशी की लहर दौड़ रही है तो कहीं माथे पर शिकन पड़ गए हैं।
प्रदेश में इस बार सत्ता परिवर्तन की लहर देखी जा रही थी, जिसके चलते माना जा रहा है कि इस बार सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। हरीश रावत भी लगातार दावे कर रहे हैं कि प्रदेश में इस बार कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। जनता ने सत्ता परिवर्तन के लिए वोट किया है और जब जनता कोई फैसला करती है तो वह हमेशा खरा उतरता है।
एग्जिट पोल के नतीजों में स्पष्ट बहुमत हालांकि किसी भी पार्टी को नहीं दिया गया है। प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर दिखायी गई है। ऐसे में सीटों के जीत का अंतर दो तीन सीट का ही बताया जा रहा है। कांग्रेस पूरी तरह आश्वस्त है कि उनकी पार्टी बहुमत के साथ सत्ता में आने जा रही है, जबकि भाजपा खेमा कह तो रहा है कि उनकी पार्टी जीत रही है लेकिन उनकी खामोशी कुछ और ही बयां कर रही है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि उसकी प्रदेश में 36 से 40 के बीच सीट आएंगी, जबकि भाजपा की सीट 30 से नीचे ही रह जाएंगी। इस बार बसपा भी दो से तीन सीट पर जीत हासिल कर सकती है। आम आदमी पार्टी का भी प्रदेश में खाता खुल सकता है। हालांकि जो एग्जिट पोल सामने आए हैं उनकी विश्वस्नीयता पर सवाल भी उठ रहे हैं। पूर्व में जो एग्जिट पोल सामने आए वह खरे नहीं उतरे, उनके दावों से अलग सीटें प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों को मिली।
भाजपा इस बार 60 पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में थी, लेकिन चुनाव के दौरान जो रूझान जनता का देखने को मिला उससे उसकी हालत पतली होती दिख रही है। 60 पार के दावे के विपरीत इस बार भाजपा को 30 सीटों पर ही सिमटने की बात कही जा रही है। अब देखना यही है कि कल का सूरज किसी पार्टी को सत्ता की कुर्सी पर बैठता है।