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पतंजलि के सभागार में आज से दो दिवसीय युवा धर्म संसद का आयोजन शुरू हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सीएम पुष्कर सिंह धामी, राम जन्मभूमि न्यास समिति के महासचिव चंपत राय जी और बाबा रामदेव के द्वारा किया गया। युवा धर्म संसद के पहले दिन वक्ताओं ने युवाओं से आह्वान किया कि वो राष्ट्र भावना को सर्वप्रथम रखते हुए आगे बढ़ें, इस दौरान वक्ताओं ने स्वामी विवेकानन्द के शिकागों में दिये गए भाषण के बारे में भी जानकारी दी गई।
पतंजलि योगपीठ के सभागार में दो दिवसीय युवा धर्म संसद का आयोजन सेवाज्ञ संस्थानम् के द्वारा किया गया। शिकागो धर्म सम्मेलन में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक उद्बोधन को लक्ष्य कर आयोजित की जा रही युवा धर्म संसद में देश के 24 राज्यों के युवा भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य युवाओं के मध्य धर्म और अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप और समाज व राष्ट्र के समसामयिक विषयों पर उनके विचारों को परिष्कृत और स्पष्ट करना है।
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान चंपत राय ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन में दिये गए उनके भाषण के बारे में जानकारी दी और बताया कि कैसे उस वक्त स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया था। उन्होंने इस दौरान सहष्णिुता को लेकर विवेकानंद द्वारा धर्म सम्मेलन में जो व्याख्या की गई उसके बारे में भी जानकरी दी। उन्होंने कहा कि सभी को विवेकानंद की शक्ति प्राप्त है, बस उसे पहचानने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वो राष्ट्र हित के लिए सदैव अग्रणी भूमिका में बने रहे।
मुख्य अतिथि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि देश का युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म को विश्व में पहचान मिल रही है। कई राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर उसे अपना रहे हैं। सनातन संस्कृति की योग विद्या को पूरी दुनिया अपना रही है। पीएम के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को हमें मिलकर कामयाब करना है। आने वाले 25 साल की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वह हमारी युवा शक्ति ही है। युवा शक्ति को संगठित होकर राष्ट्रभाव समर्पित होना होगा। राष्ट्र को युवा शक्ति की जरूरत है। युवा देश की तरक्की और उन्नति के लिए सही दिशा में काम करे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत फिर से विश्व गुरू बन जाएगा। कहा कि युवाओं को देश के प्रति जिम्मेदार और कर्तव्यपरायण भी बनना होगा। सीएम धामी ने कहा कि नींव को मजबूत करने के लिए यह युवा धर्म संसद मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को कैसे प्रोत्साहन दे रही है, स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने युवाओं से अपीलत करते हुए कहा कि वह जिस क्षेत्र में जाए राष्ट्र भावना को प्रथम रखें। अपने संकल्प में कोई विकल्प न रखें। विकल्प आने पर संकल्प समाप्त हो जाता है और मंजिल दूर हो जाती है। हमें रोजगार देने वाले युवा बनना है। मिलकर प्रयास करना होगा। मनुष्य अनंत शक्ति का भंडार है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी रामदेव ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को उत्साह से लबरेज रहना चाहिए। अपनी ऊर्जा को उसे सकारात्मक दिक्षा में लगाना चाहिए। युवाओं में शौर्य, वीरता और पराक्रम के साथ विनम्रता भी होनी चाहिए। रामदेव ने सनातन धर्म के चारों वर्णों के बारे में भी बताया और कहा कि जब तक राम और कृष्ण के वंश के लोग जिंदा है तब तक अधर्मी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते। उन्होंने युवाओं से कहा कि वह अपने धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानकारी जरूर रखे। कहा कि मुस्लिम समाज के 50 प्रतिशत लोगों को कुरान की जानकारी होती है लेकिन हमारी गीता में कितने अध्याय है इसकी भी ठीक से जानकारी नहीं होती। गीता के प्रमुख श्लोक हमें कंठस्थ होने चाहिए। रामदेव ने धामी सरकार द्वारा सनातन धर्म को लेकर प्रदेश में किये गए कार्यों के लिए उनका आभार भी जताया।