नवीन चौहान.
अवैध खनन सामग्री को बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली से ढोया जा रहा है। ये वाहन रजिस्ट्रर्ड तो हैं कृषि कार्य के लिए लेकिन काम कर रहे हैं कामर्शियल। सरकार को भी ये लोग नुकसान पहुंचा रहे हैं। राजस्व विभाग को जहां अवैध खनन से चोट पहुंचायी जा रही है वहीं परिवहन विभाग को भी टैक्स चोरी कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सब स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है। कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से ये वाहन बेखौफ होकर अवैध खनन सामग्री ढोने का काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग की टीम जब चेकिंग के लिए सड़कों पर उतरती है तो ऐसे वाहन पकड़ में आते हैं, इन वाहनों के खिलाफ सीज की कार्रवाई की जाती है।
यहां सवाल यही है कि पूरे प्रदेश में इस तरह से कृषि कार्य के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ट्राली अवैध खनन में जुटी दिखायी देती हैं लेकिन व्यापक अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती। स्थानीय पुलिस भी विशेष चेकिंग अभियान के तहत इनका चालान करती है लेकिन इन वाहनों के मालिक फिर से अवैध गतिविधियों में जुट जाते हैं।
सूत्रों की मानें तो ऐसे वाहनों की संख्या कम नहीं है जिनके मालिकों के पास कृषि भूमि नहीं है लेकिन उनके पास कृषि कार्य के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ट्राली है। इन ट्रैक्टर ट्राली से अवैध खनन सामग्री का परिवहन कर ये लोग सरकारी खजाने को तो नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन अपना मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
हरिद्वार तहसीलदार रेखा आर्य ने चेकिंग के दौरान तीन ट्रैक्टर ट्राली पकड़कर थाने में सीज कराये। बताया जा रहा है कि ये तीनों ट्रैक्टर भी अवैध रूप से खनन का परिवहन कर रहे थे।