नवीन चौहान, हरिद्वार। ज्ञान की देवी मां सरस्वती के प्रादुर्भाव का दिवस बसंत पंचमी में सोमवार को तीर्थनगरी में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर अनेक स्थानों पर आयोजन हुए। स्कूलों में मां सरस्वती का पूजन किया गया। तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में भी कई धार्मिक आयोजन हुए। कई आश्रमों में सामुहिक यज्ञोपवीत संस्कार का भी आयोजन हुआ। होली का झंडा भी लोगों ने स्थापित करने के साथ जमकर पतंगबाजी का आनन्द लिया। छतों से पंतगबाजों की वो काटा की आवाजें आती रहीं।
ऋतुराज कहे जाने वाले बसंत का लोगों ने सोमवार को अपने-अपने अंदाज से स्वागत किया। ज्ञान की देवी मां सरस्वती का आज के दिन प्रादुर्भाव होने के कारण मां सरस्वती को पूजन-अर्चन किया गया। स्कूलों में मां सरस्वती का पूजन किया गया तथा पंतग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। पूजन के पश्चात स्कूलों में छुट्टी कर दी गई।
वहीं कई आश्रमों में सामुहिक यज्ञोपवीत संस्कार के आयोजन किए गए। बटुकों को यज्ञोपवीत धारण करवाया गया। भेल में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर सरस्वती पूजन किया गया। जिसमें बंगाल व बिहार प्रांत के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर मां सरस्वती का आशीर्वाद लिया तथा ज्ञान प्राप्ति की कामना की।
वहीं लोगों ने पतंगबाजी का भी जुमकर आनन्द उठाया। पंतगबाजी के शौकीन प्रातः से ही छतों पर चढ़ गए और पतंगबाजी की। पंतगों को लुटने के बच्चे सड़कों पर पतंगों के पीछे दौड़ लगाते दिखाई दिए। मनोरंजन के लिए कई लोगों ने छतों पर डीजे भी लगाए तथा पंतग के साथ गानों का भी आनन्द लिया। छतों से वो काटा की आवाजें आती रहीं। आसमान में रंग बिरंगी पतंगों से आसमान का नजारा अद्भुत दिखाई दिया। बसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर बाजारों में पंतग के खरीददारों की खासी भीड़ रही। लोगों ने जमकर पंतग व डोर खरीदी। सोमवार को बड़ों व बच्चों ने जमकर पंतगबाजी का आनन्द उठाया। समाचार लिखे जाने तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना का समाचार प्राप्त नहीं हुआ।