नवीन चौहान
विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने और अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आए हरीश रावत ने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने का मन बनाया है। जिसके बाद वह अपने बेटों की राजनैतिक जमीन तैयार करने का कार्य करेंगे। जबकि अपनी बेटी अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से विधायक बनने के बाद वह बहुत खुश है। अपने बच्चों को राजनीति में स्थापति करना ही उनका एक मात्र लक्ष्य रह गया है।
हरीश रावत कई दशकों से कांग्रेस की सियासत कर रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री बन चुके है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उनको करारी हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान उनसे बेहद खफा है। प्रदेश कांग्रेसी भी उनसे किनारा कर रहे है। ऐसे में हरीश रावत के राजनैतिक कैरियर को लेकर सवाल उठ रहे है। जबकि उनकी आयु भी सक्रिय राजनीति करने की इजाजत नही दे रही है। हालांकि हरीश रावत के पास राजनीति का लंबा अनुभव है।
संभावना है कि वह एक स्कूल खोलकर युवा नेताओं का राजनीति के गुर सिखाए। राजनीति के कुशल महारथी हरीश रावत सन्यास लेने के बाद युवाओं को राजनीति करने और सत्ता हासिल करने के तमाम मंत्र देंगे। फिलहाल तो नीबू पानी का आनंद ले रहे है और बच्चों के साथ होली खेलने में मस्त है।
यह होली समाचार आपके मनोरंजन के लिए है, बुरा ना मानो होली है।