कुमकुम शर्मा
उत्तराखंड की धामी सरकार में खिचड़ी पक रही है। जल्द ही कुछ मंत्रियों के फेरबदल होने वाले है। बीएल संतोष देहरादून में डेरा जमाए हुए है। जबकि संघ के उत्तराखंड समन्वयक पहुंचने वाले है। ऐसे में जल्द ही नई तिगड़ी देखने को मिलेगी। किसका सरकार से पत्ता साफ होगा। और विधायकों में किसके नाम की लाटरी खुलेगी।
देहरादून में किसान सम्मेलन खत्म होने के बाद कुछ नया होगा। जिसका सभी को बड़ी बेसब्री से इंतजार है। उत्तराखंड में यूं तो सब ठीक चल रहा है। लेकिन बैकडोर भर्ती चहेतों की नियुक्तियां रदद होने से भूचाल आया हुआ है। वही यूकेएसएसएससी परीक्षा में धांधली ने सिस्टम की पोल खोलकर रख दी। धामी सरकार के निर्णयों की बारीकी से समीक्षा हो रही है। इससे पहले की कुछ पहले विवाद शांत होते इससे पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की अस्थायी नियुक्तियों को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई। मीडिया की सुर्खियों में ईमानदारी बटोर रही ऋतु खंडूरी के शुभचिंतकों ने उनकी कार्यशैली को संदेह के घेरे में लाने के मंसूबे पूरे किए। ऋतु खंडूरी ने भी अपने अंदाज में बेबाकी से नियुक्तियों को लेकर सफाई दी। इसी बीच हरिद्वार के जिला पंचायत चुनावों में भाजपा की जीत को अभूतपूर्व बताकर श्रेय लेने की होड शुरू हो गई। निर्दलीय को भाजपा की सदस्यता दिलाने और छोटी सरकार हासिल करने का सिलसिला शुरू हो गया। हरिद्वार पंचायत चुनाव की जीत पर धामी सरकार के कार्यो की मोहर लगाई गई। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल सरकार में मंत्रीमंडल के फेरबदल को लेकर ही अटका रहा। सोशल मीडिया पर कुछ ने प्रेमचंद्र की छुटटी कर दी तो कुछ रेखा आर्य को लेकर कयासबाजी कर रहे है। वही नए शामिल होने वाले मंत्रियों में मदन कौशिक और आदेश चौहान के नाम भी आगे चल रहे है। रूड़की से प्रदीप बत्रा भी पूरा जोर लगा रहे है। रोजाना धामी के नजदीक जा रहे है। विशन सिंह चुफाल की वरिष्ठता का लाभ लेने पर भी चर्चा है। तो मुन्ना सिंह चौहान के अनुभव को सम्मान मिलने का वक्त आ चुका है।
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फूंक—फूंककर कदम बढ़ा रहे है। अपने शुभचिंतकों पर नजर बनाए हुए है। एक लंबी पारी खेलने के इरादे से अपनी छवि को बेहतर बनाने का हुनर उनको आता है। सभी को साधने की उनमें क्षमता है। ऐसे में पीएम मोदी का आशीर्वाद ही धामी के लिए वरदान साबित होगा।