नवीन चौहान ,
हरिद्वार। योगी आदित्यनाथ के समारोह में यथोचित सम्मान न मिलने से विख्यात संत नाराज हो गये। योग गुरू बाबा रामदेव आये तो थे पूरे उत्साह के साथ लेकिन भूमि पूजन के बाद मंच पर प्रथम पंक्ति में बैठने की व्यवस्था के न होने के चलते वह कार्यक्रम छोड़कर चले गये। हालांकि उनसे पूर्व हरिद्वार के कई संतों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। हैरत की बात है कि इन नाराज संतों को मनाने के लिए कोई बड़ा नेता सामने नहीं आया। अखाड़ा परिषद के संत बाबा हठयोगी ने इसे अपना अपमान बताया।
सौ कमरों के भागीरथी आवास गृह के शिलान्यास के बाद अलकनंदा परिसर में समारोह व सभा का आयोजन किया गया था। यहां इन संतो के बैठने की व्यवस्था मंच पर तीसरी पंक्ति में की गयी थी। यहां तक कि बाबा रामदेव, ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी, संजय महंत, बाबा हठयोगी को बैठने के लिए पूछा तक नहीं गया। इससे नाराज संतो ने वहां से चले जाना ही बेहतर समझा। एक संत हरिचेतनानंद इन संतो को मनाने के लिए आये तो जरूर लेकिन वे नहीं माने। बाबा हठयोगी ने कहा वे अखाड़ा परिषद से हैं। उनका अपना सम्मान है। प्रथम पंक्ति में सेवक बैठे हैं और संतो को तीसरी पंक्ति में बैठाना संतो का निरादर करने जैसा ही है।
खास बात यह है कि जिस समय संत नाराज होकर कार्यक्रम स्थल से जा रहे थे उस समय कैबिनेट मंत्री व विधायक से लेकर भाजपा के सभी नेता मंच या उसके आसपास ही थे और ये सब नजारा देखते रहे। उनमें से एक भी नेता आगे नहीं आया।
बाबा रामदेव के साथ ऐसा क्यों हुआ
जयराम पीठाधीश्वर ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी और महंत ऋषिवरानंद की नाराजगी को कांग्रेस से जोड़कर देखा जा सकता है लेकिन Baba Ramdev तो भाजपा के सुर में सुर मिलाते आये हैं। यही नहीं उन्होने हर चुनाव में भाजपा के प्रचारक के रूप में कार्य किया है। यूं भी बाबा रामदेव विश्वविख्यात योगी हैं। ऐसे में संत योगी आदित्यनाथ के मंच पर Baba Ramdev के लिए स्थान तक न होना चकित करने वाला है।