दिन में बेचते हैं खिलौने-गुब्बारे, रात में देते है वारदात को अंजाम




विजय सक्सेना.
कोतवाली रानीपुर पुलिस ने पारदी जाति के खानाबदोश गैंग को गिरफ्तार किया है। यह वही बदमाश हैं जिन्होंने पुलिस कर्मियों पर हमला कर अपने एक साथी को छुड़ा लिया था। ये गिरोह दिन में खिलौने और गुब्बारे बेचकर रेकी करता है और रात में लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है।

खानाबदोश गैंग, कोई स्थायी ठिकाना नहीं
ये बदमाश पारदी जनजाति के खानाबदोश लोग हैं, जिनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है। ये लोग मूलतः मध्य प्रदेश के उज्जैन, गुना, ग्वालियर व मंदसौर के आस पास के रहने वाले है। इनका अपराध करने का अपना एक अलग ही तरीका होता है। ये लोग अपने परिवार की औरतों व बच्चों के साथ अलग-2 राज्यों में बड़े बड़े धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनो व बस अड्डों के आस पास अस्थाई रूप से बिछौना डालकर रहना शुरू करते है। दिखावे की खातिर दिन के समय बच्चों के खिलौने व गुब्बारे आदि बेचने का काम करते है।

पॉश कालोनियों में करते हैं रैकी
दिन के समय में ये लोग बैट्री रिक्शा व पैदल पॉश कॉलोनियों में जाकर रैकी कर अधिकांश ऐसे घरों को टारगेट कर चोरी की घटनाओं को अन्जाम देते हैं, जो बन्द हो या जिनमें कोई बुजुर्ग दम्पति रहते हो।

पिट्ठू बैग में रखते है औजार
घटना के समय ये लोग पिठ्ठु बैग अपने साथ में लेकर चलते है। जिसमें पाना, रिन्च, गुलेल तथा कपड़े रखते हैं। पाना व रिन्च का प्रयोग ये लोग ताला तोड़ने में करते हैं, कुत्तो को भगाने व आत्मरक्षा के लिए गुलेल का प्रयोग करते हैं। पहचान छुपाने के लिए घटना के बाद कपड़े बदल लेते हैं। घटना के समय मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करते। मोबाइल फोन अपनी औरतों के पास रखते हैं।

चोरी का माल दबा देते हैं गड़ढों में
घटना के बाद चोरी के माल को गडढों में गाड़ देते हैं तथा जेवरात को बेचने का काम अधिकांशतः इनकी औरतें करती हैं। जब किसी घटना में इन्हें अच्छा जेवरात और नकदी मिल जाता है तो ये तुरन्त स्थान बदल देते हैं और माल का आपस में बंटवारा कर दूरस्थ स्थानों पर अलग-अलग शिफ्ट हो जाते हैं।

गैंग में होते हैं सगे सम्बंधी
ये लोग चोरी करने के लिए जो पार्टी बनाते है उसमे ये लोग एक जगह के ना होकर अलग-अलग स्थानों/शहरों के ऐसे सदस्यों को रखते हैं जो इनके सगे सम्बन्धी होते हैं। ऐसे में किसी एक के पकड़े जाने पर इनके परिवार के सदस्य अन्य सभी को मोबाईल फोन आदि से सूचित कर देते हैं। जिससे अन्य अभियुक्त आसानी से फरार हो जाते है और उन्हें पकडना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

जेब काटने में भी माहिर
ये लोग मौकापरस्त होते हैं, चोरी के अलावा मेले ठेलों में उठाईगिरी व जेब काटने की घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। इन सभी का लोगों का एक अर्न्तराज्य गिरोह हैं जिनका उत्तराखण्ड के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र तथा राजस्थान आदि राज्यों में अपना नेटवर्क फैला है।

महिलाएं बेचती हैं फूल और प्लास्टिक का सामान
इनके द्वारा जिस क्षेत्र में भी अपराध किया जाता उस क्षेत्र में घटना से पूर्व रैकी करने के लिये कुनबे सहित आते है, एवं पार्किंग, घाट या सड़क किनारे डेरा डालते है। इनकी महिलाएं फूल, प्लास्टिक का सामान आदि बेचने का कार्य करती है। अभियुक्तगण दिन के समय मे रैकी करते हैं। घर चिन्हित करने के उपरान्त रात्रि में घटना को अऩ्जाम देते हैं। घटना के बाद कभी कभार अपने मूल ठिकानों पर वापस लौट जाते हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तगणो का विवरण

01-राहुल पुत्र प्रकाश सिन्धी उम्र 23 वर्ष निवासी नीलगिरी सर्किल थाना लंम्बाई जिला सूरत गुजरात हाल निवासी नया आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मंन्सौर मध्यप्रदेश

  1. सन्नी उर्फ समीर पुत्र बुकलिया निवासी अस्सी फुटा टेडी बगिया शिवलोक निकट डिग्री कालेज थाना एतमाउदौला आगरा उम्र 27 वर्ष
  2. मुकेश मारवाड़ी पुत्र अमर सिंह उर्फ भूरा उम्र 30 वर्ष निवासी मारवाड़ी इन्द्रा नगर महता बाग निकट जमुना ब्रिजघाट थाना एतमादौला आगरा
  3. गुज्जर उर्फ गुर्जन पुत्र स्व0 बाबा सिंह निवासी नई आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मन्सौर म0प्र0 उम्र 23 वर्ष
  4. शंकर उर्फ वीरू पुत्र अमर सिंह उर्फ राजू उर्फ भूरा निवासी नगला राम मूल काशी राम योजना अस्सी फुटा रोड निकट मन्डी समिति अपेक्स होस्पिटल के पीछे थाना एतमादौला जिला आगरा उम्र 25 वर्ष


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