शादाब अली कुरैशी, रुड़की।
कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज तो सखावत है। लेकिन उनके पुत्र शफकत अली ने पूरी कमान संभाल रखी है। शफकत खुद पिता की नेम प्लेट लगी गाड़ी को लेकर क्षेत्र में घूम रहे है। हद तो तब हो गई जब पिता की जगह सरकारी बैठकों में भी प्रतिभाग कर रहे है। ऐसे में क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम है।
बताते चले कि शफकत पहले गांव के ग्राम प्रधान रह चुके हैं और एक योजना उनकी धर्मपत्नी ग्राम प्रधान रही है। लेकिन सरकार ने 4 गांव को मिलाकर कलियर नगर पंचायत का गठन किया। जिसमें शफकत का गांव भी नगर पंचायत में शामिल हो गया। शफकत खुद नगर पंचायत चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन किसी कारण वह खुद चुनाव नहीं लड़ पाए। उन्होंने अपने पिता सखावत अली को कलियर नगर पंचायत का चुनाव मैदान में उतारा। जनता ने सखावत को अध्यक्ष बना दिया। पिता के अध्यक्ष बनते ही पूर्व प्रधान शफकत अली ने कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ले ली। हाल ही में उनके समर्थकों द्वारा कुछ बैनर कलियर के मुख्य चौराहे पर लगाए गए थे। जिसमें उनको कलियर नगर पंचायत चेयरमैन लिखा गया था।वह खूब सुर्खियों में रहा अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था हाल ही में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के द्वारा अपने आवास पर एक मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें उन्होंने अपने आप को कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष दर्शाते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को परिचय दिया जब रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को इस बात का पता चला कि वह अध्यक्ष नहीं है बल्कि उनके पिता सखावत अली कलियर नगर पंचायत के अध्यक्ष है तो इसलिए उनका मीटिंग में आना नियम के खिलाफ है रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इस विषय की जांच कराई जा रही है कि वह कैसे मीटिंग में अपने आप को कलियर नगर पंचायत का अध्यक्ष बता सकते हैं क्योंकि वह अध्यक्ष तो है ही नहीं।
विवाह समारोह में भी पिता का वाहन
रूड़की मैं एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष के पुत्र शफकत अली जिस गाड़ी में वह पहुंचे थे उस गाड़ी पर कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष की नेम प्लेट लगी हुई थी लेकिन गाड़ी में कलियर नगर पंचायत के अध्यक्ष सखावत अली नहीं थे जिससे यह साफ होता है कि कहीं ना कहीं अपने पिता की जगह पूर्व प्रधान शफकत अली के द्वारा ही गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि नियम के अनुसार नहीं है क्योंकि अध्यक्ष की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी सिर्फ अध्यक्ष ही इस्तेमाल कर सकता है ना के पुत्र