न्यूज 127.
एसटीएफ की टीम ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर नेट के सुभारती विश्वविद्यालय में एग्जामिनेशन सेंटर पर सर्च अभियान चलाया गया। सर्च के दौरान एग्जामिनेशन लैब के सर्वर रूम से लोकल एरिया नेटवर्क के ज़रिए एक्स्ट्रा एडमिन कंप्यूटर मिला और सर्वर रूम में दो लैपटॉप मिले जिसमें एनी डेस्क रिमोट एक्सेस टूल मिला।
यहां एग्जाम कराने वाले कर्मचारी के पास से एक मोबाइल फोन भी मिला। मोबाइल में चार अभ्यर्थियों के नाम रोल नंबर और उनके सिस्टम की IP मिली। इस IP को सेंटर के बाहर एक व्यक्ति को शेयर किया गया था जिससे की इन अभ्यर्थियों का स्क्रीन शेयर किया गया था। इनके प्रश्नपत्र को बाहर से सॉल्वर द्वारा हल किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि 25 जुलाई को भी प्रथम और दितीय पाली में हुए एग्जाम में 11 अभ्यर्थी के नाम मोबाइल की डिलीट फाइल से मिले हैं।
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में सुभारती विश्वविद्यालय का बयान भी सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नेट एग्जाम को सुभारती विश्वविद्यालय नहीं करा रहा है और न ही सुभारती विश्वविद्यायल पर इस एग्जाम को कराने की कोई जिम्मेदारी है। कैंपस का एक हिस्सा टीसीएस कंपन को किराये पर दिया गया है। एग्जाम कराने का कार्य भी टीसीएस कंपनी ही कर रही है। इसलिए यदि एग्जाम के दौरान कोई अवैध कार्य होता पाया गया है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी टीसीएस संस्था की है।
एसटीएफ चीफ और एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश ने बताया- मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में CSIR-NET परीक्षा में धांधली की गोपनीय सूचना मिली थी। इस पर टीम ने छापेमारी की। जांच से पता चला कि एग्जामिनेशन लैब के सर्वर से छेड़छाड़ की गई है। TCS के 3 कर्मचारियों- उस्मान, अरुण शर्मा और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है।