ऑनर किलिंग के मामले में महिला समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा




नवीन चौहान.
हरिद्वार। ऑनर किलिंग के मामले में महिला समेत तीन लोगों को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने आजीवन कारावास एवं 37-37 हजार रुपए की सजा सुनाई है। जबकि न्यायालय ने चौथे आरोपी को साक्ष्य छिपाने व जान से मारने की धमकी देने पर सात वर्ष की कठोर कैद व 12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि 22 अक्टूबर 2017 की रात थाना बुग्गावाला क्षेत्र में एक युवती शिवानी पुत्री राजेंद्र सिंह की हत्या कर व सबूत मिटाने के लिए उसका शव जलाने का आरोप उसके भाई सौरभ, मां मितलेश देवी तथा पड़ोसी सुनील उर्फ बल्ली पुत्र बली सिंह व सिरमौर सिंह पुत्र केहर सिंह निवासी ग्राम बुग्गा वाला व मामा अशोक पर लगा था।

घटना के संबंध में बुग्गावाला निवासी अजय सिंह पुत्र भगत सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसका गांव बुधवा शहीद स्थित पैराडाइज स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम है। वह राजेंद्र सिंह की पुत्री शिवानी से प्यार करता था। दोनों आपस में शादी करना चाहते थे। परंतु उसके गरीब होने के कारण आरोपीगण शिवानी की शादी उससे नहीं करना चाहते थे।

सभी आरोपी आपस में मिलकर अजय सिंह की हत्या की योजना बना रहे थे। यह बात मृतका ने घटना वाली रात मोबाइल फोन पर अजय सिंह को बता दी थी। शिवानी के विरोध करने पर सभी आरोपियों ने आपस में साजकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने अजय सिंह की शिकायत पर आरोपी सौरभ पुत्र राजेंद्र सिंह, उसकी मां मितलेश देवी, पड़ोसी सुनील उर्फ बल्ली, सिरमौर सिंह पुत्र केहर सिंह व मामा अशोक के खिलाफ, षडयंत्र रचकर हत्या, शव छिपाने व जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना के दौरान मृतक शिवानी के मामा अशोक पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उसकी हत्या कर शव को छिपाने संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिलें थे। जिसपर पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था। वादी पक्ष की ओर से 17 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने मृतका शिवानी के भाई सौरभ व मां मितलेश देवी तथा पड़ोसी सुनील उर्फ बल्ली को आपस में मिलकर हत्या कर सबूत छुपाने व जान से मारने की धमकी देने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 37 – 37 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

जबकि चौथे आरोपी सिरमौर सिंह को सबूत छुपाने व जान से मारने की धमकी देने का दोषी पाते हुए सात वर्ष की कैद व 12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।



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