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डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर ने विश्व पर्यावरण दिवस को बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के नेतृत्व में स्कूल की एनएसएस यूनिट ने ‘प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने’ विषय पर कविता वाचन, नुक्कड़ नाटक, संवाद संगोष्ठी का मंचन किया।

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बच्चों ने पेड़-पौधों, वन्य जीवों, जलचरों आदि की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने पर विशेष ध्यान आकर्षित कराया। इसी के साथ स्कूल प्रांगण में लगाए गए तमाम पेड़ पौधों को क्यूआर स्कैन करके बायोलॉजिकल नाम तथा पौधे की विस्तृत जानकारी हासिल करने का अनूठा कार्य प्रदर्शित किया गया।

विश्व पर्यावरण दिवस पर डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के प्रांगण में सुबह सबेरे से ही एनएसएस यूनिट में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। एनएसएस यूनिट के तमाम सदस्य प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के कुशल नेतृत्व में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने पहुंचे।

इस कार्यक्रम में भारत विकास परिषद् के सम्मानित अतिथिगण डाॅ तरूण शर्मा, क्षेत्रीय प्रधान, जो कि एक शिक्षाविद् होने के साथ-साथ एक लेखक भी हैं, निखिल वर्मा, प्रांतीय सचिव, ललित चन्द्र पाण्डेय, प्रांतीय उपाध्यक्ष,सुमित सक्सेना, पर्यावरण समन्वयक, विकास गिरि, पंचपुरी शाखा के अध्यक्ष, कौशल श्रीवास्तव, पंचपुरी शाखा के सचिव तथा अनिल जैन, संस्कार समन्वयक उपस्थित रहे।

विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने सभी सम्मानित अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना’ विषय पर अनेक प्रस्तुतियां जैसे कविता वाचन, नुक्कड़ नाटक, संवाद संगोष्ठी का मंचन किया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बच्चों ने पेड़-पौधों, वन्य जीवों, जलचरों आदि की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने पर विशेष ध्यान दिलाया।

एनएसएस स्वयंसेवकों ने अतिथियों के साथ विद्यालय प्रांगण तथा विद्यालय परिसर के आस-पास सफाई अभियान चलाया तदुपरान्त पौधारोपण किया। डाॅ तरूण शर्मा ने सभी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इन्हीं छोटे-छोटे प्रयासों से हम अवश्य ही अपने लक्ष्य को पा सकेगें। यदि बिना रुके हम अपने प्रयास जारी रखेंगे तो एक दिन हमारी धरती फिर से हरी-भरी तथा प्रदूषण मुक्त हो जाएगी।

साथ ही उन्होनें बताया कि राष्ट्रगीत हमारी मातृभूमि की वंदना और सम्मान का प्रतीक है। इस गीत में भारत माँ की सुन्दरता, शक्ति और कृपा का वर्णन किया गया है, जो हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है, मैं अपनी मातृभूमि जो जल से भरी हुई, फलों से भरी हुई, मलय से आने वाली हवा के साथ शांत, फसलों के साथ हरी-भरी, चांदनी से जगमगाती, फूलों से लदे हुए पेड़, जिसकी जमीन फूलों से लदे हुए पेड़ों से सुंदर ढकी हुई है, हमेशा मुस्कुराती है, सुख और वरदान देने वाली माँ को मैं नमन करता हूँ। हमें अपनी धरा को फिर से इसी प्रकार हरा-भरा तथा सुखकारी बनाना है।

निखिल वर्मा ने बताया कि गेजेट्स का अविष्कार हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए हुआ है, किंतु हम इनके अनावश्यक प्रयोग से न केवल अपने स्वास्थ्य अपितु पर्यावरण से भी खेल रहे हैं। इनसे निकलने वाला विकिरण हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है। भारत विकास परिषद् के अन्य अतिथियों ने करताल से सभी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए, विद्यालय प्रधानाचार्य तथा उपस्थित शिक्षकगणों को उनके द्वारा निभाए जा रहे सामाजिक कर्तव्यों की प्रशंसा करते हुए भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों का जारी रखने की आशा जताई।

प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने बताया कि स्कूल में लगे हुए सभी पेड़-पौधों पर उनके नाम, बाॅयोलाजिकल नाम तथा क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिसे स्कैन करके उस पेड़-पौधे के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्हानें सभी अतिथियों को उनका अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद किया तथा विश्वास दिलाया कि हमारे शिक्षक बच्चों में संस्कार रोपण करते रहेंगे, उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराते रहेगें ताकि वे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें।
