World Yoga Day: योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर: शालिनी समाधिया




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D.A.V पब्लिक स्कूल देहरादून में प्रधानाचार्या के नेतृत्व में मनाया गया विश्व योग दिवस

न्यूज 127.
डिफेंस कॉलोनी देहरादून स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में 11वां विश्व योग दिवस (World Yoga Day) पूरे हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों के साथ स्कूल की प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया और अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी योग अभ्यास किया।

विश्व योग दिवस पर विद्यालय प्रांगण में विशेष योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय प्रांगण में कुशल योग शिक्षिका के निर्देशन में छात्र-छात्राओं, प्रधानाचार्या, अध्यापकों व सहायक कर्मचारियों ने मिलकर योग अभ्यास किया। इस योगाभ्यास कार्यक्रम में एनसीसी के छात्राओं ने भी उत्साह पूर्ण हिस्सा लिया।कार्यक्रम का उद्देश्य योग के महत्त्व को समझाना तथा इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा देना था।

प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया ने योगाभ्यास के प्रति छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे अब पूरा विश्व अपना रहा है। यह न केवल शरीर की चंचलता को स्थिर करता है, बल्कि मन की शांति भी प्रदान करता है। विद्यार्थी जीवन में योग का अभ्यास अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह एकाग्रता, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास बढ़ाने और अनुशासित दिनचर्या का पालन करने में सक्षम बनता है।

योग’ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत है जिससे मनुष्य मुख्य रूप से अपने शरीर, मन, विचार को नियंत्रित व संयमित कर सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, कुछ ऐसी बीमारियाँ जिनके सामने आज का आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी हार मान चुका है, वहाँ हमारी आशा की किरण बनता है ‘योग’। इसी विचारधारा से प्रभावित होकर प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

इस वर्ष 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है जिसका मूल विषय है “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”। इस साल की थीम ये जाहिर करती है कि हमारी सेहत और धरती की सेहत एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। अतः पृथ्वी के संरक्षण हेतु बढ़ाया गया हमारा प्रत्येक कदम कहीं ना कहीं हमारे स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

कार्यक्रम का प्रारंभ योग प्रार्थना व सूर्य नमस्कार के साथ हुई तत्पश्चात ताड़ासन, कपालभाति, हास्य योग, मकरासन, वज्रासन, सुखासन, पद्मासन, सिद्धासन, भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, शीतली आसान आदि योग आसन कराए गए। इन आसनों से होने वाले अनेक लाभ जैसे ताड़ासन – शरीर में रक्तचाप बढ़ाने, पीठ दर्द की समस्या का निवारण, शीतली आसान – शरीर को शीतल रखने, पद्मासन- तनाव व रक्तचाप को कम करने व मकरासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाना आदि के विषय में भी बताया गया।

कक्षा 12 की छात्रा कृतिका आगरी ने योग के संदर्भ में अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए कहा कि योग केवल एक दिन की क्रिया नहीं बल्कि इससे अपने जीवन का भाग बनाना चाहिए। प्रधानाचार्या द्वारा अंत में हास्य योगाभ्यास कराया गया ताकि हमारे फेफड़ों के साथ -साथ हमारा जीवन भी मुस्कुराता रहे। शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।