गुरुकुल कांगड़ी डीम्ड यूनिवर्सिटी में महिला प्रोफेसरों की अनदेखी, जूनियर को जिम्मेदारी




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न्यूज 127.
गुरुकुल कांगड़ी डीम्ड यूनिवर्सिटी में रेगुलेशन 2023 लागू कराने की मांग को लेकर चल रहे धरना-प्रदर्शन के बीच विश्वविद्यालय में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार महिला संकाय अध्यक्षों को उनके पद से हटाकर उनके स्थान पर उनसे काफी कनिष्ठ पुरुष प्रोफेसरों को संकाय अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा आठ महिला विभागाध्यक्षों को भी उनके पदों से हटाकर उनके स्थान पर जूनियर पुरुषों को बैठा दिया गया है। इस प्रशासनिक फेरदबल से विश्वविद्यालय में विरोध का माहौल और गहरा गया है।

वरिष्ठ प्रो. हेमलता को भी हटाया
जानकारी के अनुसार, मानविकी संकाय की संकाय अध्यक्ष प्रो. हेमलता, जो वर्ष 2008 से प्रोफेसर हैं, उन्हें हटाकर उनके 13 वर्ष जूनियर प्रो. राकेश कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसी प्रकार, जीव विज्ञान संकाय की प्रो. नमिता जोशी तथा प्रबंधन संकाय की प्रो. सुरेखा राणा को पद से हटाकर, उनके कनिष्ठ प्रो. देवेंद्र मलिक और प्रो. बीके सिंह को संकाय अध्यक्ष बना दिया गया। जबकि बीके सिंह, सुरेखा राणा से तीन वर्ष बाद प्रोफेसर बने थे। विज्ञान संकाय में भी वरिष्ठ प्रोफेसर निपुर सिंह की अनदेखी करते हुए, उनके जूनियर प्रो. करमजीत भाटिया को संकाय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

विभागों भी महिलाओं की अनदेखी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिर्फ संकाय ही नहीं, बल्कि विभागों में भी महिला नेतृत्व की बड़ी स्तर पर अनदेखी की गई है। हिंदी विभाग की मृदुल जोशी, प्रबंधन विभाग की सुरेखा राणा, गणित विभाग की सीमा शर्मा, रसायन विभाग की अंजलि गोयल, जंतु एवं पर्यावरण विभाग की नमिता जोशी, अंग्रेजी विभाग की मुदिता अग्निहोत्री, इतिहास विभाग की रेनू शुक्ला और कंप्यूटर विभाग की निपुण सिंह महिला विभागाध्यक्षों को उनके पद से हटा दिया गया है। प्रो. अंजलि गोयल और प्रो. सीमा शर्मा जैसे वरिष्ठ प्रोफेसरों को हटाकर उनके अधीन काम करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर मनोज कुमार और ऋषि शुक्ला को विभागाध्यक्ष बनाया गया है।

फेरबदल को लेकर रोष
यह बदलाव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के रेगुलेशन 2023 और उच्च शिक्षा में प्रचलित वरिष्ठता एवं योग्यता के मानकों के खिलाफ माना जा रहा है। शिक्षाविदों का मानना है कि इस तरह की नियुक्तियां न केवल योग्यता की अनदेखी करती हैं, बल्कि लिंग भेदभाव की भी आंशका को बल देती हैं। विश्वविद्यालय में शुक्रवार को फेरबदल सूची जारी होने पर यह मुद्दा तेजी से तूल पकड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, कई महिला शिक्षकों ने इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण और असंवैधानिक करार देते हुए औपचारिक आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

कहना कुलपति का
कार्यवाहक कुलपति प्रभात सेंगर का कहना है कि रेगुलेशन 2019 के तहत रोटेशन में यह फेरबदल किया गया है। महिला प्रोफेसरों को दी जाने वाली जिम्मेदारी की भी सूची तैयार हो रही है, एक दो दिन में सूची जारी की जाएगी। कुलपति का कहना है कि प्रशासनिक फेरबदल में नियमों का पूरा ध्यान रखा गया है।