नवीन चौहान.
तेज बारिश में भी शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे डीएलएड प्रशिक्षित डटे रहे। तेज बारिश में उनका टैंट भी फट गया लेकिन उसकी उन्होंने परवाह नहीं की। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह यहां से नहीं जाएंगे।
रात्रि में जहाँ सब लोग अपने अपने घरों में आराम कर रहे थे वही दूसरी ओर मूसलाधार बारिश में भी शिक्षा निदेशालय नानूरखेड़ा नियुक्ति के नारों से गूंज रहा था।
धरना स्थल पर धूप व बारिश से बचाव हेतु टेंट लगाया हुआ था जो रात की तेज बारिश के आगे नहीं टिक सका। पानी पानी हो चुका धरनास्थल जहां खड़े होने की जगह नहीं बची उसी पानी मे बैठकर अपनी नियुक्ति के नारों से हौसलें अफजाई करते हुए डायट डीएलएड प्रशिक्षितों का कहना है कि बेरोजगारी से बड़ी ना ही कोई आपदा है और ना ही कोई जिल्लत। हम एक ही उद्देश्य से यहां आने पर मजबूर हुए हैं और उसी उद्देश्य को पूरा करके ही यहां से जायेगे।
बता दें कि डायट डीएलएड प्रशिक्षित वर्ष 2019 में विभाग द्वारा कराए जाने वाला 2 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर नौकरी की मांग लेकर हर अधिकारी व मंत्री के पास गुहार लगाते रहे परन्तु हर तरफ से झूठे आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ। थके हारे प्रशिक्षुओं ने अक्टूबर 2020 में धरना देकर प्राथमिक शिक्षक भर्ती निकलवाई। भर्ती निकलने के इतने महीने बाद भी जब सरकार व विभाग द्वारा कोई सुध नहीं ली गयी तो पुनः कोरोना जैसी महामारी में डायट डीएलएड प्रशिक्षितों को धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा।
प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने कहा कि हमारा सरकार से यही कहना है कि यदि जल्दी से जल्दी हमारी मांग को नहीं माना गया तो धरना और उग्र होगा। धरना नीति स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि कल डायट संघ अपने बैनर तले पूरे संख्याबल के साथ विधानसभा कूच करेगा, जिसमे हमारी एक ही मांग है कि कोर्ट में दायर वाद की पैरवी महाधिवक्ता द्वारा की जाए ताकि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्राथमिक शिक्षक भर्ती सम्बंधित समस्त वादों का शीघ्र निस्तारण हो सके। यदि वादों का शीघ्र निस्तारण नहीं हुआ तो डायट संघ भूख हड़ताल करने पर मजबूर होगा और इसका पूर्ण जिम्मा शासन व प्रशासन के ऊपर होगा।
डायट प्रशिक्षित प्रकाश रानी का कहना है कि हम विभाग के सताए हुए है तभी यहां पर आने को मजबूर हुए है। और हम तब तक धरनास्थल से नहीं उठेंगे जब तक सरकार हमारी मांग स्वीकार नहीं कर लेती। हम अपनी नियुक्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सरकार को चेताने के लिए हमारे पास इसके सिवाय अन्य कोई विकल्प शेष नहीं बचा है। हम भावी शिक्षक है, अपने हक़ के लिए लड़ना हमें आता है और मुर्दे कभी न्याय की मांग नहीं कर सकते। जिंदा व्यक्तियों को ही न्याय के लिए लड़ना होगा।
संघ के मुख्य सलाहकार नवीन कंडियाल ने कोरोना महामारी की याद दिलाते हुए बोला कि हम सभी प्रशिक्षित अपने स्वास्थ्य की परवाह किये बिना धरनास्थल पर डटे हुए है और हम यहां से तभी हटेंगे जब हमारी भर्ती सरकार पूरी करेगी। डायट डीएलएड संघ के होसलों को देखते हुए एक ही बात याद आती है कि हम मेहनतकश जगवालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे। एक खेत नहीं, एक गाँव नहीं, हम पूरी दुनिया मांगेंगे। क्रमिक अनशन पर आज गणेश चन्द्र, अमित अग्रवाल, मुकेश टम्टा और अंकुश शाह बैठे।