नवीन चौहान
हरिद्वार। महाकुंभ पर्व, कांवड़ मेले व हरिद्वार के धार्मिक स्नान पर्व पर सुरक्षा के दृष्टिगत व भीड़ को नियंत्रित करने के लिये ड्रोन कैमरों की मदद ली जायेगी। प्राकृतिक आपदा के दौरान पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में भी ड्रोन कैमरा कारगार साबित होगा। जिलाधिकारी दीपक रावत के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग ने ड्रोन कैमरे की खरीद की है। अपर जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र व भगवत किशोर मिश्रा ने स्वयं ड्रोन कैमरे का संचालन कर ड्रोन कैमरे का परीक्षण किया। ड्रोन कैमरे का परीक्षण जिला कार्यालय से पूल्ड आवास कॉलोनी एवं पेन्टागॉन मॉल के मध्य उड़ाकर किया गया। ड्रोन कैमरे का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। परीक्षण के दौरान एसपी यातायात मंजूनाथ टीसी और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के सदस्य मौजूद रहे।
जानिए ड्रोन कैमरे की खूबिया
जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा कैन्तुरा ने बताया कि ड्रोन कैमरा लगभग रुपये दो लाख में क्रय किया गया है। यह ड्रोन कैमरा कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। ड्रोन कैमरे से हाइडेफिनेशन वाली तस्वीरे और वीडियो ली जा सकती है। अधिकतम 500 मीटर ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। आपदा प्रभावित क्षेत्र के तीन किमी के दायरे में उड़ान भरने में सक्षम है।
ड्रोन में लगे 20 मेगा पिक्सल कैमरे से बेहतरीन फोटो और वीडियो ली जा सकती है। ड्रोन की बैटरी एक बार में अधिकतम 25 मिनट तक उड़ान भर सकती है। इस तकनीकी टीम के सदस्य प्रमोद राठौर व निशान्त गोयल द्वारा ड्रोन कैमरे की उपयोग विधि की बारीकी से जानकारी दी गयी।