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कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। माताएं अपनी संतान की दीर्घायु व रक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती है।
इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को बहुत ही शुभ योग व संयोगों के बीच पढ़ रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और अधिक विशेष शुभ फल देने वाला है। कभी-कभी रहने वाला गुरु पुष्य योग अहोई अष्टमी के दिन लगभग पूरे दिन रात रहेगा। ज्तोतिष राहुल अग्रवाल का कहना है कि ऐसे में यह योग संतान को दीर्घायु प्रदान करने वाले इस व्रत को और भी शुभ व मंगल कारक बना रहे हैं।
अहोई माता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
अमृत चौघड़िया शाम 5:39 से शाम 7:15 तक इस समय शुभ प्रदोष काल भी रहेगा।
व्रत के दौरान क्या करें
माता पार्वती माता की व अहोई माता की पूजा श्रद्धा भक्ति के साथ समर्थ अनुसार करें। इस दिन जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वस्त्र व अन्य जरूरत का सामान श्रद्धा अनुसार दान करें। शुद्ध सात्विक भोजन करें। व्रत खोलते समय माताएं इस दिन भगवान से प्रार्थना करें कि हमारे बच्चों भविष्य भी हमेशा तारों की तरह चमकता रहे।
व्रत के दौरान क्या ना करें
यथासंभव किसी भी जीव को कष्ट न पहुंचे यह कोशिश करें
मांस मदिरा तथा तामसिक भोजन से दूर रहें।
चंद्र उदय का सामान
अहोई अष्टमी के दिन कुछ परिवारों में चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोला जाता है और काफी परिवारों में तारों को देखकर व्रत खोलने की परंपरा है। इस बार बृहस्पतिवार को चंद्र उदय का समय रात्रि 11:57 पर है। तारे देखने का समय लगभग 6:06 के आसपास।