CM ने किया प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम का शुभारंभ




Listen to this article

न्यूज 127.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने एवं अधिक से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल कर, उसे इस्तेमाल में लाने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से कार्य किये जाएं। यह पहल चार धाम यात्रा एवं अन्य पर्यटन स्थलो में भी कूड़े की खपत को कम करते हुए स्वच्छता का वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की बड़ी समस्या के तौर पर सामने आती है। इसके समाधान हेतु राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है। राज्य में स्वच्छता का वातावरण बनाते हुए क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। राज्य की प्राकृतिक संपदा हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है , इसको सुरक्षित रखना भी हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल डिपोजिट रिफन्ड सिस्टम को 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तराखंड में लाया गया था। जिसके सफल संचालन के लिए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा नदियां, जंगल, पहाड़ राज्य की धरोहर और पहचान है। प्लास्टिक हमारी इन धरोहरों को खतरे में डाल रही है। जिसके निस्तारण के लिए राज्य सरकार विज्ञान एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। जिससे भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हुआ था। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता के लिए अनेक कार्य हो रहे हैं।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। डी.डी.आर.एस के तहत प्लास्टिक बोतल / प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाईयों द्वारा ’क्यूआर कोड सिस्टम’ जनित किया जायेगा, जिससे उपभोगताओं द्वारा प्लास्टिक पैकेजिंग में भण्डारित पदार्थों का प्रयोग करने के पश्चात् प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डी.डी.आर.एस सेंटर को वापस किया जायेगा व बार कोड स्कैन करने के पश्चात् उपभोगता को प्रत्येक प्लास्टिक अपशिष्ट पर एक निश्चित धनराशि वापस की जायेगी। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सरकुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, आलोक कुमार पाण्डेय, एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *