राज्य स्थापना दिवस: प्रदेशवासियों को दो संकल्प लेने की जरूरत- राज्यपाल




नवीन चौहान.
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन से जुड़े सभी ज्ञात-अज्ञात, अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन किया।

इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा कि आज के अवसर पर हमें दो संकल्प लेने की जरूरत है। पहला ट्रैफिक नियमों का पालन करना और दूसरा उत्तराखण्ड के प्रत्येक हिस्से को स्वच्छता अभियान का रोल मॉडल बनाना। राज्यपाल ने कहा कि हमारे यहाँ देश-विदेश से पर्यटक आते हैं हमारी सड़कें पर्यटक स्थल नदी-घाट ट्रेक साफ-सुथरे रहने चाहिए तभी हम स्वच्छता अभियान का रोल मॉडल बन सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हमें अपने लिये तीन लक्ष्य निर्धारित करने हैं- इमीडियेट गोल, इण्टरमीडियेट गोल और सेन्चुरी गोल। इमीडियेट गोल, यानी तत्काल हासिल किया जाने वाला लक्ष्य जो कि 2025 तक का उत्तराखण्ड कैसा होगा जब हम अपनी स्थापना के 25 वर्ष मना रहे होंगे यह तय करना है।

इण्टरमीडियेट गोल, 2030 तक यानी तीसरे दशक की समाप्ति पर उत्तराखण्ड कैसा होगा। यह वही दशक है जिसे हमें अपना बनाना है। जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है। तीसरा, सेंचुरी गोल, यानी 2047 तक जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मना रहा होगा। आजादी के अमृत काल का अंतिम सोपान। तब उत्तराखण्ड किस स्वरूप में होगा यह लक्ष्य हमें इस अवसर पर तय करना है।

राज्यपाल ने कहा कि वर्षों से स्कूली शिक्षा के लिए उत्तराखण्ड देश-विदेश में विख्यात रहा है। राज्य के विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल एवं कॉलेजों में पढ़ाई ऐसी होनी चाहिए कि विद्यार्थियों को रोजगार मिले, समाज को उनकी चुनौतियों का समाधान मिले, लैब टू लैण्ड के सिद्धांत पर पढ़ाई का लाभ गांव, गरीब और पिछड़े लोगों को अवश्य मिले।

उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए शासन, प्रशासन का स्वच्छ एवं पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये गये हैं। भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064, सी0एम हेल्पलाईन 1905, इस दिशा में बड़े कदम हैं। अपणि सरकार पोर्टल, ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट जैसे कदम सुशासन की दिशा में उठाये गये हैं।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में अच्छी कानून व्यवस्था बनाये रखना बहुत आवश्यक है। प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल और अच्छी कानून व्यवस्था द्वारा ही यहाँ पर्यटन और निवेश को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा के दौरान और आपदा के दौरान सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बदलते समय में यातायात साईबर क्राईम, महिला अपराध, ड्रग्स जैसे अपराधों को रोकने के लिए भी उत्तराखण्ड पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या भारी ईजाफा हो रहा है इसके लिए हमें गांव में होमस्टे को बढ़ावा देना होगा। राज्य में होमस्टे का निर्माण एक अभियान के तहत हो रहा है इसे और मजबूती दिये जाने की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड आर्गेनिक ब्राण्ड बनाने का निर्णय किया है। उत्तराखण्ड आर्गेनिक खेती, जड़ी-बूटियों, बेमौसमी सब्जियों-फलों के लिए बहुत बड़ा सप्लायर स्टेट बन सकता है। इन क्षेत्रों में हमें अलग-अलग बहुत सी सफलता की कहानियां भी दिखाई पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम, राजमा, पनीर, सेब, मटर का उत्पादन एवं निर्यात करने में बहुत से लोगों ने अच्छी कामयाबी पाई है। पिथौरागढ़ में बेड़ू के उत्पादों ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है।

उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम भारत के सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य नहीं बन सकते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। मुझे पूरा यकीन है कि उत्तराखण्ड का बच्चा-बच्चा प्रधानमंत्री जी की इस बात को सच साबित करने में जुट जायेगा। राज्य निर्माण से अब तक उत्तराखण्ड ने विकास के कई पैमानों पर अपनी खास जगह बनाई है। राज्यपाल ने कहा कि अगर कहा जाए कि 22 साल बेमिसाल तो गलत नहीं होगा लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में 12 घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तय किया है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को वर्ष 2027 तक दोगुना किया जाएगा। राज्य के संशाधनों के समुचित उपयोग और आय के स्रोतों का चिन्हीकरण करते हुए सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने के लिए सुझाव देने हेतु शीघ्र ही एक सलाहकार फ़र्म का भी चयन किया जाएगा।

प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने हेतु और निवेशकों को आकर्षित करने हेतु तीन माह के भीतर सरलीकृत लघु जल विद्युत नीति और सौर ऊर्जा नीति बनायी जाएगी। विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु रूपांतरण कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष दो सौ विद्यालयों को रूपांतरित किया जाएगा तथा अगले पाँच वर्षों में एक हज़ार विद्यालयों को सुदृढ़ किया जाएगा। यह कार्य अन्य विद्यालयों में चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रम से अतिरिक्त रूप में किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर एवं हिमांचल प्रदेश की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी कम मूल्य वाली फसलों के स्थान पर उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि फसल उत्पादकों की आय को बढ़ाया जा सके। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को को आकर्षित करने के लिए नई पर्यटन नीति तीन माह के भीतर बनायी जाएगी। राज्य में पशु पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य पशु धन मिशन की शुरुआत की जाएगी।

प्रदेश में आगामी पाँच वर्षों में दस हज़ार महिला तथा महिला समूहों को उद्यमी बनाने का लक्ष्य हमने तय किया है। इसके तहत कोई भी महिला तथा महिला समूह ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगा सकेगा। प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए ’गौरा शक्ति’ एप शीघ्र लांच किया जायेगा। इसके माध्यम से हमारी बहन-बेटियाँ अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगी और पुलिस सुरक्षा के घेरे में आ जाएँगी।

राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बेहतर विपणन व्यवस्था और सुविधा के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म शीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा। जिसमें विभिन्न विभागों के ब्रैंड्स जैसे हिमाद्रि, हिलांश इत्यादि को बिक्री हेतु एक मंच मिल सकेगा।
प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को चुस्त करने के लिए इनामी बदमाशों को पकड़वाने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस हेतु पुलिस विभाग के अंतर्गत एक करोड़ रूपए का कोष गठित किया जाएगा।

राज्य में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि उत्तराखंड के आंदोलन का इतिहास तथा लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों को हमारी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जा सके।
प्रदेश की तहसील स्तर तक की समस्याओं के समाधान के लिए ’’मुख्यमंत्री चौपाल’’ कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। यह योजना ’’हमारी सरकार, जनता के द्वार’’ कार्यक्रम को धरातल पर उतारेगी। यह चौपाल विभिन्न विभागों के सचिवों, प्रमुख सचिवों व जिलाधिकारियों द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएगी। इस योजना द्वारा लोगों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने में मदद मिलेगी।



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